MUZAFFARNAGAR-किसानों के आक्रोश के सामने नहीं टिक पाई पुलिस की नाकाबंदी
भाकियू तोमर ने डीएम कार्यालय पर की महापंचायत, पुलिस-प्रशासन को दी खुली चेतावनी
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (तोमर गुट) के आह्वान पर बुधवार को जिला मुख्यालय पर पहुंचने के साथ ही कलेक्ट्रेट में किसानों ने जोरदार शक्ति प्रदर्शन करते हुए डीएम कार्यालय पर महापंचायत की। किसानों के उग्र तेवरों और भारी संख्या में जुटे कार्यकर्ताओं के आगे पुलिस की भारी नाकाबंदी भी बेअसर साबित हुई। प्रकाश चौक पर ट्रैक्टर अंदर ले जाने को लेकर सिविल लाइन थाना प्रभारी से भाकियू नेताओं और किसानों की तीखी झड़प हो गई, वहीं पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाकर किसान कलेक्ट्रेट तक पहुंच गए।
किसानों की पंचायत को देखते हुए पुलिस ने शहर के प्रमुख चौराहों शिव चौक, महावीर चौक, झांसी रानी चौक, कचहरी गेट, प्रकाश चौक पर भारी फोर्स की तैनाती की थी और सघन बैरिकेडिंग कर रखी थी। कलेक्ट्रेट के सदर बाजार वाले मुख्य गेट पर तो दो तरफा बेरिकेडिंग कर दोपहिया वाहनों तक का प्रवेश रोक दिया गया था। मीडिया कर्मियों तक को गेट के भीतर वाहन ले जाने की अनुमति नहीं मिली, जिस पर कुछ पत्रकारों और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी बहस भी देखी गई।
गौरतलब है कि 19 जून को नई मंडी कोतवाली में शांतिपूर्ण धरना दे रहे भाकियू कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था। आरोप है कि उस दौरान महिला कार्यकर्ताओं के साथ भी अभद्र व्यवहार हुआ। इसके विरोध में ही यह पंचायत आयोजित की गई। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर ने डीएम कार्यालय पर आयोजिहत हुई महापंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि नई मंडी थाने में चल रहे संगठन के शांतिपूर्ण आंदोलन पर जिस तरह से लाठीचार्ज हुआ, वह लोकतंत्र की हत्या है। महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को किसान समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए और नई मंडी कोतवाली प्रभारी को तत्काल हटाया जाए, वरना बड़े आंदोलन के लिए किसान तैयार हैं।
सभा में कई प्रमुख किसान नेता उपस्थित रहे, जिनमें अंकित गुर्जर, पवन त्यागी, अजय त्यागी, हनी चौधरी, चंदन त्यागी और मोहित लाटियान प्रमुख हैं। उन्होंने एक स्वर में कहा कि यह चेतावनी है, यदि सरकार और प्रशासन ने जल्द मांगें नहीं मानीं तो संगठन कार्यकर्ताओं के सम्मान की खातिर बड़ा निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगा। किसानों में बड़ा आक्रोश बना नजर आया और वो आरपार की लड़ाई में दिखाई दे रहे थे। इन किसानों को कलेक्ट्रेट या एसएसपी कार्यालय पहुंचने तक रोकने के लिए शहर में नाकाबंदी की गई थी। शिव चौक पर खुद सीओ सिटी राजू कुमार साव भारी पुलिस फोर्स के साथ तैनात रहे और प्रकाश चौक पर एसएचओ नई मंडी इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार सिंह तैनात रहे, लेकिन वो किसानों को ट्रैक्टर अंदर ले जाने से रोक नहीं पाये। किसान और भाकियू के कार्यकर्ता बेरिकेडिंग को तोड़कर अंदर घुस गये।
संगठन ने ऐन वक्त पर बदला पंचायत स्थल
भाकियू तोमर की यह पंचायत मूलतः एसएसपी कार्यालय पर प्रस्तावित थी, लेकिन स्थान की कमी का हवाला देते हुए ऐन मौके पर डीएम कार्यालय पर स्थानांतरित कर दी गई। बावजूद इसके, भाकियू कार्यकर्ताओं का जोश कम नहीं हुआ। उत्तराखंड, सहारनपुर, मेरठ, शामली सहित विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों किसानों ने पंचायत में भाग लिया। जिलाध्यक्ष निखिल चौधरी ने कहा कि यह सिर्फ एक पंचायत नहीं, बल्कि आर-पार की लड़ाई का बिगुल है। कहा कि शीर्ष नेतृत्व के निर्णय पर पंचायत स्थल अचानक बदला गया।
सड़क पर उतरे किसान, पूरा शहर हो गया जाम
भाकियू तोमर के प्रदर्शन को फेल करने के लिए पुलिस ने तैयारी तो पूरी की थी, लेकिन हर मोर्चे पर पुलिस की तैयारी धरी रह गई। गांव देहात से किसानों का रैला आने से कोई भी पुलिस फोर्स नहीं रोक पाई, जिस कारण शहर में भारी संख्या में किसान अपने वाहनों और ट्रैक्टर लेकर उमड़े तो यहां की यातायात व्यवस्था चौपट हो गई और पूरा शहर जाम की समस्या से जूझता दिखाई दिया। कहीं धूप और कहीं बारिश के बीच लोग घंटों तक जाम में फंसे रहे। स्कूल कॉलेज खुलने और अग्निवीर भर्ती लिखित परीक्षा होने के कारण भी समस्या बनी और स्कूल कॉलेज के बच्चे भी भीषण धूप में जाम के कारण परेशान नजर आये।