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केन्द्र में अंधी-बहरी सरकार का राजः अजित सिंह

बागपत में किसान आंदोलन के समर्थन में रालोद की किसान महापंचायत में केन्द्र सरकार की नीतियों को लेकर रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह ने जमकर नाराजगी जाहिर की।

केन्द्र में अंधी-बहरी सरकार का राजः अजित सिंह
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बागपत। केन्द्र सरकार के खिलाफ यहां पर आयोजित हुई किसान महापंचायत में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह और भाकियू के प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने किसानों से एकजुट होकर इस संघर्ष में साथ चलने का आह्नान किया। उन्होंने किसानों को तीन कृषि कानूनों को लेकर कहा कि यदि ये वापस न हुए तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगा। अडानी और अंबानी के सामने 10-20 बीघा का छोटा किसान अपना वकील खड़ा करने की भी हैसियत नहीं रखता ऐसे में वह अपनी फसल और खेत का बचाव किस प्रकार कर पायेगा।

किसान आंदोलन के बीच बागपत जिले के बामनौली में जवाहर इंटर कालेज के मैदान पर रालोद द्वारा राजा सलक्षणपाल तोमर के जन्म जयंती समारोह के साथ ही किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए देशवाल खाप और रालोद नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी थी। सुबह हवन और यज्ञ के बाद महापंचायत का आयोजन किया गया। रालोद अध्यक्ष चैधरी अजित सिंह ने कहा कि केंद्र और प्रदेश में अंधी बहरी सरकार चल रही है। जिम्मेदारी युवाओं के हाथ में हैं। पगड़ी संभाल कर सरकार को सत्ता से हटाना होगा। कृषि कानून वापस नहीं हुए तो किसान बर्बाद हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि दो बीघा जमीन का किसान अंबानी और अडानी के सामने किस तरह अदालत में वकील खड़ा करेगा। पीएम नरेन्द्र मोदी ने आय दोगुनी करने की बात कही थी, लेकिन आय आधी कर फिर दोगुनी कर दिखाएंगे। उन्होंने संघर्ष के लिए अपील करते हुए कहा कि आज संकट और संघर्ष का समय है, ऐसे में भी किसान अगर आज एक सूत्र में नहीं बंधा तो भविष्य की पीढ़ियों के सामने खतरा है। वहीं महापंचायत में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को वापस कराने और एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने की मांग को लेकर शुरू हुआ यह किसान आंदोलन अब लंबा चलेगा। उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए किसानों और मजदूरों ने ही 90 साल तक लड़ाई लड़ी थी।

आज फिर से ऐसा ही समय आ गया है। किसानों को मान सम्मान के लिए अपनी यह लड़ाई लड़नी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि बागपत की यह भूमि क्रांतिकारियों की धरती है। यहां के किसान कृषि कानूनों से आजादी हासिल करने के लिए आना यह संघर्ष जारी रखेंगे। ये लड़ाई बहुत लंबी हो सकती है, लेकिन इतना तय है कि संघर्ष का दामन पकड़कर चलने से ही जीत किसानों को ही मिलेगी। हस महापंचायत को लेकर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये थे, लेकिन फिर भी माहौल को गरम बनाने के लिए क्षेत्र में लगे भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह के पोस्टरों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने कालिख पोत दी। इसके बाद पुलिस बल को और भी सक्रिय कर दिया गया था।

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