ट्रक और निजी बसों के संचालकों ने भी की हड़ताल
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने डीएम कार्यालय पहुंचकर किया प्रदर्शन, हादसे में मौत पर नए कानून का प्रावधान होने से जताया रोष
मुजफ्फरनगर। परिवहन के नए कानून का विरोध शुरू होने के कारण मुजफ्फरनगर जिले में ट्रक और निजी बसों के संचालकों ने भी हड़ताल कर दी। दिल्ली-दून हाईवे पर खतौली में ट्रकों की लाइन लग गई। वहीं प्राइवेट बस अड्डे भी बसों के नहीं चलने के कारण सूने नजर आये।
आॅल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने एक जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया था। इसी को लेकर सोमवार सुबह मुजफ्फरनगर ट्रक एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी ट्रक चालकों की बात लेकर डीएम कार्यालय पर पहुंचे। यहां पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि नए कानून में 10 साल की कैद और पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान होने की जानकारी मिले पर ट्रक चालक हड़ताल पर चले गए। इससे सारा कारोबार प्रभावित हो गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान ट्रक चालकों के साथ अन्य वाहनों के चालक भी इस हड़ताल में शामिल हो गए। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
इसमें कहा गया कि केन्द्र सरकार ने हिट एण्ड रन के मामलों में कानून प्रस्तावित किया है, इसमें अनेक खामियां हैं। इसमें चालकों के लिए जेल और जुर्माने का बड़ा प्रावधान करने से वो हतोत्साहित होंगे और कामकाज प्रभावित होगा। उन्होंने इस कानून में किये गये प्रावधानों को लेकर पुनः विचार करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से एसोसिएशन के अध्यक्ष सुबोध कुमार त्यागी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आसिफ राही और महासिचव योगेन्द्र मोहन तायल सहित अन्य ट्रांसपोर्टर मौजूद रहे। दूसरी ओर ट्रक चालकों ने ट्रांसपोर्टनगर में ट्रक को बंद कर धरना दिया और नए कानून को लेकर प्रदर्शन करते हुए कहा कि हिट एंड रन मामले में चालकों के खिलाफ नए प्रस्तावित कानून में गंभीर सजा का प्रावधान किया गया है। दस साल की सजा होने के साथ ही पांच लाख का जुर्माना करने की व्यवस्था का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि रोजी रोटी कमाना ही मुश्किल है, ऐसे में एक चालक पांच लाख रुपये का जुर्माना कैसे दे पायेगा।
उधर परिवहन के नए कानून का विरोध शुरू होने के कारण मुजफ्फरनगर जिले में ट्रक और निजी बसों के संचालकों ने भी हड़ताल कर दी। दिल्ली-दून हाईवे पर खतौली में ट्रकों की लाइन लग गई। परिवहन में नए कानून के बदलाव के विरोध में मोरना-भोपा बस यूनियन पदाधिकारी और चालक-परिचालकों ने हड़ताल कर दी। सरकार से पुराने कानून को बनाए रखने की मांग करते हुए नए कानून का विरोध किया और जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। चालकों ने कहा कि पुराना कानूना ही सही है। उन्होंने कहा कि हम जुर्माने के पांच लाख रुपये कहां से लायेंगे। यह कानून वापस नहीं होगा तो काम नहीं किया जायेगा।