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PALIKA-जुर्माने से कंपनी में बेचैनी, ईओ प्रज्ञा से माफी की तलबगार

खुले वाहनों में कूड़ा ले जाने के कारण ईओ ने कंपनी पर लगाया है 28 हजार रुपये का जुर्माना, कंपनी का दावा-चालकों को दे रखी है तिरपाल, लापरवाही पर दी गई सख्त नसीहत, कार्यवाही को बताया न्यायसंगत

PALIKA-जुर्माने से कंपनी में बेचैनी, ईओ प्रज्ञा से माफी की तलबगार
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की ईओ प्रज्ञा सिंह के द्वारा शहर में खुले वाहनों में कूड़ा ले जाने के आरोप में दिल्ली की कंपनी पर अनुबंध का पालन नहीं करने के कारण 28 हजार रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया। कंपनी के खिलाफ पालिका प्रशासन की यह पहली बड़ी कार्यवाही है। इसको लेकर कंपनी भी अब डेमेज कंट्रोल में जुट गई है। शनिवार को कंपनी की ओर से सभी वाहन चालकों को सख्त हिदायत दे दी गई कि किसी भी सूरत में शहर में ट्रांसपोर्ट के दौरान कूड़ा वाहन खुले नहीं रहेंगे। इसके लिए कंपनी ने चालकों को तिरपाल भी उपलब्ध कराये हैं। वहीं कंपनी की ओर से पहली गलती का हवाला देते हुए ईओ से भी माफी की तलब की गयी है, ताकि जुर्माना राशि माफ की जा सके। वहीं इस माफी पर पालिका प्रशासन ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। कंपनी को कार्यप्रणाली में सुधार करने और अनुबंध का पालन करने की हिदायत ईओ की ओर से दी गयी है।


बता दें कि नगरपालिका परिषद् के द्वारा शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और डलाव घरों से कूड़ा उठाकर साफ सफाई कराते हुए उसका निस्तारण कराने के लिए दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी सिक्योरिटी एंड फैसिलिटीज प्रा. लि. के साथ 14 महीने का करार किया गया है। इसके लिए प्रत्येक माह पालिका करीब 90 लाख रुपये कंपनी को भुगतान करेगी। 16 फरवरी से कंपनी ने शहर में काम करना प्रारम्भ किया है, लेकिन तभी से कंपनी की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। बार बार की चेतावनी के बावजूद भी सुधार नहीं होने पर ईओ प्रज्ञा सिंह ने कंपनी के प्रतिनिधियों को सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी थी। ऐसे में बीते दिन ईओ प्रज्ञा सिंह ने कंपनी के द्वारा लगाये गये वाहनों में कूड़ा खुले में ले जाने के कारण जुर्माना लगाया है। ईओ प्रज्ञा सिंह ने बताया कि कंपनी ने अनुबंध में तय किया था कि कूड़ा निस्तारण के लिए वाहनों का ट्रांसपोर्ट तिरपाल से ढककर किया जायेगा, लेकिन निरीक्षण के दौरान ईओ को खुले में वाहनों से कूड़ा ले जाते हुए मिला तो वो नाराज हो गई और उन्होंने बताया कि कंपनी ने अनुबंध की शर्त संख्या 36 का उल्लंघन किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि खुले वाहन से कूड़ा परिवहन नहीं किया जायेगा, ऐसा होने पर 1000 रुपये प्रति बार पैनल्टी ली जायेगी। इसी के तहत 28 बड़े कूड़ा वाहनों को ढक कर न ले जाने के कारण कंपनी पर 28 हजार रुपये जुर्माना अधिरोपित किया गया है।

कंपनी के परियोजना प्रभारी और जोन वन के इंचार्ज पुष्पराज सिंह ने बताया कि ईओ प्रज्ञा सिंह के द्वारा की गयी कार्यवाही न्यायसंगत है। कंपनी ने वाहन चालकों को पहले ही कूड़ा ढक कर ले जाने के निर्देश दिये हैं, इसके लिए उनको तिरपाल भी उपलब्ध कराये गये थे, लेकिन चालक मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेश भी हैं कि कूड़ा परिवहन खुले वाहनों में न किया जाये। उनका कहना है कि 28 वाहनों की तो बात सही नहीं है, शुक्रवार शाम एक डम्फर ही खुले में कूड़ा लेकर जा रहा था, लेकिन ईओ मैडम ने जो किया, वो सही है। कंपनी इसमें सुधार करने के साथ ही पहली गलती को देखते हुए ईओ से माफी की तलबगार रहकर किया गया जुर्माना माफ करने का आग्रह करेगी। यदि राहत नहीं मिलती है तो कंपनी जुर्माना राशि पालिका को अदा करने के लिए भी तैयार है। हम पालिका के साथ सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर एक मजबूत समन्वय में शहर को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयासरत हैं।

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