नाइट स्वीपिंग के विरोध में वाल्मीकि नेताओं ने दिया धरना
डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर लगाये शोषण के आरोप, सिटी मजिस्ट्रेट पर मुकदमा दर्ज करने की मांग, सीएम को भेजा ज्ञापन
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेशीय सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले की सभी दस नगरीय निकायों से आये वाल्मीकि समाज के नेताओं के साथ सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार को डीएम कार्यालय पर धरना देकर निकायों के अधिकारियों पर सफाई कर्मियों का शोषण करने के आरोप लगाते हुए समाज के खिलाफ टिप्पणी करने पर सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान मुजफ्फरनगर पालिका द्वारा शुरू किये गये नाइट स्वीपिंग अभियान का भी भारी विरोध किया और सफाई कर्मियों की सुबह की ड्यूटी में परिवर्तन करने सहित 13 मांगों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन देकर 12 फरवरी से पूरे जिले में कामबंद हड़ताल करने की चेतावनी दी।
उत्तर प्रदेशीय सफाई कर्मचारी संघ के सहारनपुर मण्डल प्रभारी दीपक गम्भीर और जिलाध्यक्ष सुधीर कुमार घामा के नेतृत्व में मंगलवार को वाल्मीकि समाज के नेता और सफाई कर्मचारी नारेबाजी करते हुए डीएम कार्यालय परिसर में पहुंचे और धरना शुरू कर दिया। इस दौरान दीपक गम्भीर ने आरोप लगाये कि पूरे जिले में निकायों में सफाई कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। प्रदर्शन के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन एसडीएम अपूर्वा यादव को सौंपा गया। संघ की ओर से कहा गया कि निकायों में संविदा और आउटसोर्स पर दैनिक वेतनभोगी के रूप में रखे गये सफाई कर्मचारियों और मृत संविदा कर्मियों के आश्रितों का खुला शोषण किया जा रहा है।
खासकर मुजफ्फरनगर पालिका के द्वारा नाइट स्वीपिंग अभियान का खुला विरोध करते हुए इसे बंद कराने और यहां सफाई कर्मियों की सवेरे की ड्यूटी छह बजे के बजाये आठ बजे से शुरू करने की मांग की गई। मुजफ्फरनगर पालिका में संविदा सफाई कर्मियों का पीएफ और अन्य देयकों का भुगतान शासनादेश के अनुसार नहीं किये जाने के आरोप लगाते हुए सभी निकायों में इसे लागू कराने और मृतक संविदा सफाई कर्मियों के आश्रितों को न तो 6 लाख मुआवजा दिया गया और न ही 7 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। संविदा कर्मियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिलाने, यूपी में दो लाख सफाई कर्मियों की भर्ती करने, बैक लॉग में सफाई कर्मी पद पर भर्ती हुए लोगों से मूल कार्य ही कराने, ठेका सफाई कर्मियों का वेतन 21 हजार करने, सभी का आयुष्मान कार्ड बनवाने और कोविड 19 में कार्य करने के लिए सफाई कर्मियों को प्रोत्साहन राशि से पुरस्कृत करने की मांग संघ ने की है।
इसके साथ ही दीपक गम्भीर ने बताया कि पिछले दिनों वो मृतक आश्रित सफाई कर्मी की पुत्री शिवांगी को शैक्षिक योग्यतानुसार पालिका में लिपिक वर्ग में नियुक्त करने की मांग को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप से मिले थे, आरोप है कि सिटी मजिस्ट्रेट ने इस संदर्भ में ईओ पालिका डॉ. प्रज्ञा सिंह से फोन पर वार्ता करते हुए वाल्मीकि समाज के प्रति गलत टिप्पणी कर समाज को ठेस पहुंचाई है। प्रदर्शन में उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराये जाने की मांग करते हुए कहा कि 11 फरवरी तक यदि उक्त समस्याओं पर कदम नहीं उठाया गया तो 12 फरवरी से सभी दस निकायों में सफाई कर्मचारियों की कामबंद हड़ताल कर जिला मुख्यालय पर धरना दिया जायेगा। प्रदर्शन में मुख्य रूप से दीपक गम्भीर सुधीर घामा के अलावा गोपाल सुधारक, बाबूदास गोविन्द, रामकृपाल सिंह, पवन कुमार, संजय कुमार, नितेश कुमार, शिवा, विपिन, रोकी, धर्म सिंह, नन्द किशोर, जय प्रकाश, मोनू, अंकुर, सिकन्दर, सागर, विनीत, लाखन सिंह, आशीष कुमार, राजकुमार, कमल और दिनेश सहित अन्य सफाई कर्मचारी मौजूद रहे।