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MUZAFFARNAGAR---ढाई दशक बाद जिया का बसपा से मोह भंग

जियाउर्रहमान ने समर्थकों के साथ दिल्ली जाकर ग्रहण की रालोद की सदस्यता, कहा-जयंत के हाथों को बनायेंगे मजबूत

MUZAFFARNAGAR---ढाई दशक बाद जिया का बसपा से मोह भंग
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मुजफ्फरनगर। करीब ढाई दशक तक काशीराम के बहुजन मिशन को परवाज देने के लिए संघर्ष करते हुए वरिष्ठ बसपा नेता जियाउर रहमान ने आखिरकार आज मायावती के नेतृत्व को किनारे कर बसपा के सफर को विराम दे दिया है। उन्होंने आज ही अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ दिल्ली के शाहजहां रोड स्थित राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चैधरी के आवास पर पहुंचकर उनकी मौजूदगी में रालोद की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की और लोकसभा चुनाव में रालोद के प्रत्याशियों की जीत के लिए काम करते हुए जयंत चैधरी के हाथों को मजबूत बनाने की बात कही है। जयंत चैधरी ने जियाउर रहमान को हरा पटका पहनाया और गले लगाकर उनका पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि जिया ईमानदार राजनीति और वफादारी के प्रतीक हैं। उन्होंने एक समर्पित सिपाही बनकर हमेशा ही कौम और जनहित के लिए काम किया।


बहुजन समाज पार्टी के मुजफ्फरनगर जिला प्रभारी के रूप में काम कर रहे जियाउर रहमान ने मंगलवार को अचानक ही सियासी चोला बदलने का निर्णय लेकर सभी को चैंका दिया। सुबह खबर आई कि जिया ने बसपा को छोड़ दिया है। इस पर किसी ने ज्यादा विश्वास नहीं किया, क्योंकि बसपा से ही अपना सियासी सफर शुरू करने वाले जियाउर रहमान ने करीब 25 साल बसपा में एक समर्पित और वफादार कार्यकर्ता बनकर बिताये हैं। यही कारण है कि वो वर्तमान में अपनी वफादारी के कारण बसपा मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के बेहद करीबी लोगों में शुमार हो गये थे। बसपा में 25 साल के इस सियासी सफर के दौरान जियाउर रहमान ने कई बड़ी जिम्मेदारियों को निभाया है। वो मेरठ, मुरादनगर, सहारनपुर के कोर्डिनेटर रहे और इसके अलावा कई प्रमुख पदों पर रहते हुए बसपा के बहुजन विकास मिशन को आगे बढ़ाया और इसके लिए संघर्ष किया। उन्होंने अपनी पत्नी को मुजफ्फरनगर पालिका चेयरमैन पद पर बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी लड़वाया था। जियाउर रहमान ने बचपन से ही अपने घर आंगन में सियासत का ककहरा सीखा। उनके पिता अजीजुर रहमान कांग्रेस में काफी समय तक रहे और पार्टी के लिए मजबूती से काम किया।

मंगलवार को सुबह खबर आई कि जियाउर रहमान ने बसपा में अपने 25 साल के सियासी सफर को विराम दे दिया है। इसके बाद आज सुबह वो अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ दिल्ली शाहजहां रोड स्थित राज्यसभा सांसद व रालोद अध्यक्ष जयंत चैधरी के आवास पर पहुंचे और यहां बसपा छोड़ने का ऐलान करते हुए रालोद में शामिल हुए। जियाउर रहमान ने कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती की नीतियां अब पहले जैसी नहीं रही हैं। वो न तो पार्टी को बढ़ावा देने के लिए राजी हैं और न ही पार्टी में समर्पित एवं पुराने वफादार कार्यकर्ताओं के लिए कोई सम्मान बचा है। इसी से आहत होकर उन्होंने रालोद में आने का निर्णय लिया और अब वो चै. चरण सिंह व अजित सिंह की नीतियों पर चलते हुए पार्टी अध्यक्ष जयंत चैधरी के हाथों को मजबूत बनाने का काम करेंगे। पार्टी जहां भी उनको जिम्मेदारी देंगी वो ईमानदारी से निभायेंगे। इस दौरान उनके साथ बसपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष तारिक खान, सालिम त्यागी, पूर्व सभासद नौशाद खान, राशिद कुरैशी, बाबर सलमानी, पूर्व प्रधान शकील, सिराजुदीन, मुस्तफा मसूदी, असद जमा एडवोकेट, मुनव्वर एडवोकेट, अली मेहदी, शाहरूख खां, दानिश शेर खां, रईस अंसारी सहित सैंकड़ों समर्थक भी रालोद में शामिल हुए। जयंत चैधरी और त्रिलोक चंद त्यागी ने सभी को पार्टी ज्वाइन कराई।

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