समलैंगिकों के विवाह का सरकार ने किया विरोध

केंद्र सरकार ने कहा कि शादी दो व्यक्तियों का मामला हो सकता है, जिसका उनकी निजी जिंदगी पर असर होता है, लेकिन इसे केवल निजता की अवधारणा में नहीं छोड़ा जा सकता है। सरकार ने कहा कि पार्टनर की तरह साथ रहना और समान लिंग के साथ यौन संबंध रखने वाले भारतीय परिवार ईकाई का हिस्सा नहीं हो सकते है

Update: 2021-02-25 10:28 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने संबंधी याचिका को लेकर दायर याचिकाओं पर केंद्र सरकार ने इसका विरोध किया है।

हिंदू विवाह कानून और विशेष विवाह कानून के तहत समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने की मांग को लेकर दायर याचिका के जवाब में केंद्र सरकार नें अपना पक्ष रखते हुए सरकार ने गुरुवार को कहा कि एक ही लिंग के जोड़े का साथ पार्टनर की तरह रहना और यौन संबंध बनाने की तुलना भारतीय परिवार से नहीं हो सकती। े अपना रुख कोर्ट में पेश किया है। समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गई है। केंद्र सरकार ने कहा कि शादी दो व्यक्तियों का मामला हो सकता है, जिसका उनकी निजी जिंदगी पर असर होता है, लेकिन इसे केवल निजता की अवधारणा में नहीं छोड़ा जा सकता है। सरकार ने कहा कि पार्टनर की तरह साथ रहना और समान लिंग के साथ यौन संबंध रखने वाले भारतीय परिवार ईकाई का हिस्सा नहीं हो सकते है, जिसमें एक पति, पत्नी और बच्चे होते हैं। इसमें एक जैविक पुरुष पति होता है, जैविक महिला पत्नी और इनके मिलन से बच्चे पैदा होते हैं। 

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