दिल्ली के स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने की योजना केजरीवाल ने ठुकराई

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल गलत है।

Update: 2020-11-27 08:35 GMT

नई दिल्ली। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस की अर्जी को खारिज कर दिया है।

अपनी मांगो ंलेकर दिल्ली कूच कर रहे किसानों को जेल में रखने के लिए दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल सरकार से राजधानी के 9 स्टेडियमों को अस्थाई जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अपील की थी। दिल्ली पुलिस की अर्जी को केजरीवाल सरकार ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि किसानों की मांगें जायज हैं, उन्हें जेल में डालना इस समस्या का समाधान नहीं है। केजरीवाल सरकार के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली पुलिस को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि किसानों की मांगे जायज हैं, केंद्र सरकार को किसानों की मांगे तुरंत माननी चाहिए। किसानों को जेल में डालना इसका समाधान नहीं है, इनका आंदोलन बुल्कल अहिंसक है। अहिंसक तरीके से आंदोलन करना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है। उसके लिए उन्हें जेल में नहीं डाला जा सकता। इसलिए स्टेडियम को जेल बनाने की दिल्ली पुलिस की इस अर्जी को दिल्ली सरकार नामंजूर करती है। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वाटर कैनन चलाई जा रही हैं, जो बिल्कुल गलत है। केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल गलत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है। 

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