अटाॅर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहाः जजों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा मीडिया

उन्होंनें कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले भी स्पष्ट कर चुका है कि विचाराधीन मामले पर किसी भी किस्म की प्रतिक्रिया देने की कोशिश करना अदालत की अवमानना है।

Update: 2020-10-13 09:37 GMT

नई दिल्ली। सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के दौरान सुप्रीम कोर्ट में अटाॅर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि मीडिया का विचाराधीन मामलों पर टिप्पणी करना जजों को प्रभावित करने की एक कोशिश जैसा है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप अदालत की अवमानना का सामना करना पड़ सकता है।

बहस के बीच उन्होंनें कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले भी स्पष्ट कर चुका है कि विचाराधीन मामले पर किसी भी किस्म की प्रतिक्रिया देने की कोशिश करना अदालत की अवमानना है। वेणुगोपाल ने वर्तमान में मीडिया की स्थिति पर कड़ी टिप्पणी करते हुए अदालत से मीडिया की भूमिका की जांच करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया स्वतंत्र रूप से ऐसे मामलों के परिणाम को प्रभावित करने के प्रयास में लंबित मामलों पर टिप्पणी कर रहे हैं। यह अदालत की अवमानना है। बता दें अटाॅर्नी जनरल वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ साल 2009 में दाखिल अदालत की अवमानना मामले में अदालत में चर्चा कर रहे थे।

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