संयुक्त समाजसेवी टीम ने मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल करने की मांग उठाई, एनसीआर में रहने से हो रहा नुकसान

महान राष्ट्रवादी क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह की जयंती पर आज संयुक्त समाजसेवी टीम ने मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल करने मांग उठाई है, जिसके लिए आगामी 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा पर प्रदर्शन भी किया जाएगा।;

Update: 2022-09-28 12:25 GMT

मुजफ्फरनगर। महान राष्ट्रवादी क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह की जयंती पर आज संयुक्त समाजसेवी टीम ने मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल करने मांग उठाई है, जिसके लिए आगामी 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा पर प्रदर्शन भी किया जाएगा। भोपा रोड स्थित राम भवन पर क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह की जयंती पर एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें समाजसेवी टीम ने शहीद भगत सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पण कर उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगाया। इस अवसर पर बैठक की अध्यक्षता योगेंद्र कुमार मुन्ना व संचालन पंडित बृजबिहारी अत्री ने किया। बैठक में बोलते हुए प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने कहा कि मुजफ्फरनगर का विकास सही तरीके से नहीं हो पा रहा है, इसका कारण यह है कि मुजफ्फरनगर न तो सही तरीके से उतर प्रदेश में ही है और न ही एनसीआर में है, इसलिए मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल किया जाए, क्योंकि एनसीआर में होने से मुजफ्फरनगर का नुकसान हो रहा है। इस अवसर पर पंडित शेखर जोशी ने कहा कि मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल करने की मांग को लेकर आगामी 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा पर शहीद स्मारक पर एक विशाल प्रदर्शन किया जाएगा और उत्तराखंड सरकार के जनप्रतिनिधि को मांगपत्र भी सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी वाहन मालिको को दस वर्ष में ही अपने वाहन नहीं चलाने दिया जा रहा है, जबकि उत्तराखंड में बीस साल तक वाहन चला सकते हैं, इसी कारण एनसीआर में शामिल होने से वाहन चलाने में भी दिक्कत हो रही है। इस अवसर पर अशोक गुप्ता ने कहा कि यदि मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल नहीं किया जाता है तो शहीद स्मारक को भी रामपुर तिराहा पर नहीं रहने दिया जाएगा। बैठक में नवीन कश्यप ने कहा कि इस मुहिम को सफल बनाने के लिए गांवों में भी प्रचार किया जाएगा। बैठक में केपी चौधरी, राजबीर सिंह राणा, नवीन कश्यप, हंसराज कश्यप, शांतनु प्रताप, मुन्नू कश्यप, युवराज सक्षम चौधरी, सौरभ चौधरी, आयुष धीमान, सुनील शर्मा, रोबिन कुमार आदि मौजूद रहे।

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