नगरपालिका में ठेका बंद और चलता रहा धांधली का कारोबार
सभासद इरशाद अंसारी की शिकायत पर पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने मांगा वाहनो का ब्यौरा; नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अतुल कुमार से पालिका के वाहनों की खरीद से लेकर संचालन तक की जानकारी की गई तलब;
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए दस वार्डों में छोड़े गये ठेके में गंभीर अनियमितता और धांधली की बात सामने आने की पूरी संभावना बन गई है। सभासद इरशाद अंसारी के द्वारा रामपुरी कब्रिस्तान के बाहर पालिका के तीन वाहनों के कई महीनों से खड़ा रहने को पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने भ्रष्ट कार्य व्यवहार मानते हुए नगर स्वास्थ्य अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है। इनमें उन्होंने पालिका द्वारा खरीदे गये वाहनों और वर्तमान में उनकी स्थिति तथा संचालन का पूरा बिन्दूवार ब्यौरा देने के लिए कहा है। पालिका अध्यक्ष ने कहा कि यदि भ्रष्टाचार हुआ है तो किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जायेगा, सरकारी सम्मति को कब्जाने या क्षतिग्रस्त करने का दोष पाये जाने पर आरोपियों के खिलाफ पालिका प्रशासन कानूनी कार्यवाही भी करायेगा। वहीं ये बात भी सामने आ रही है कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का ठेका कई माह पूर्व पूरा हो चुका है, लेकिन पालिका के अफसर और कर्मचारी ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर इसको चलाये हुए हैं।
बता दें कि सभासद इरशाद अंसारी ने गत दिवस पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप से मिलकर शिकायत की थी कि रामपुरी कब्रिस्तान के पास पालिका के तीन कूड़ा वाहन खड़े हुए हैं, जो कई माह से वहां पर पार्क किये हुए हैं। उनमें से एक वाहन के टायर, साइलेंसर और अन्य सामान गायब है, सभासद ने उनके चोरी होने की संभावना व्यक्त करते हुए इसकी जांच कराने और दोषी लोगों पर कानूनी कार्यवाही करते हुए इसमें शामिल पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही कराने के निर्देश दिये थे। शिकायत के बाद पालिका अध्यक्ष ने ईओ से तत्काल रिपोर्ट मांगी थी।
पालिका सूत्रों ने बताया कि इस मामले को अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने गंभीरता से लिया है। इसमें नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अतुल कुमार से पालिका के द्वारा खरीदे गये वाहन और उनके संचालन को लेकर बिन्दूवार रिपोर्ट मांगी गयी है। इसमें ये भी पूछा गया है कि पालिका के कितने वाहन किसको हैंडओवर किये गये हैं और उनकी वर्तमान उपयोगिता क्या है? इसको लेकर पालिका में हलचल मच गयी है। वहीं इस मामले में यह भी सामने आया है कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए जिस ठेकेदार को पालिका के द्वारा ठेका दिया गया था, उसका ठेका मार्च 2023 में समाप्त हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी वो यह ठेका चलाये हुए हैं, जबकि उसको ठेके में मिले दस वार्डों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कराया ही नहीं जा रहा है। यह ठेका किसके आदेश पर निरंतर चलाया जा रहा है, इस सम्बंध में जांच कराने की तैयारी की जा रही है।