चौ अजित सिंह के निधन पर शोक की लहर

Update: 2021-05-06 04:12 GMT

नई दिल्ली। स्व चौधरी चरण सिंह की विरासत को बखूबी संभालने वाले राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के निधन से वेस्ट यूपी की सियासत में एक बड़ा स्थान रिक्त हो गया है।

लाखों किसानों की आस चौ अजित सिंह कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से बीते दिनों गुरुग्राम के अल्ट्रा मैक्स अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने 86 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर दौर गई है। उनकी गिनती बड़े किसान नेताओं में होती थी। चौधरी अजित सिंह और उनकी पोती 24 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। हालत खराब होने पर उन्हें गुरुग्राम के अल्ट्रा मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार नहीं होने पर वे पिछले चार-पांच दिन से वेंटिलेटर पर थे। मगर गुरुवार की सुबह उनका निधन हो गया। राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजित सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को मेरठ में हुआ था।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत से 7 बार सांसद रहे हैं। वह मनमोहन सिंह की सरकार के कार्यकाल में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रहे। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके थे। उनके बेटे जयंत चौधरी 15वीं लोकसभा में मथुरा से सांसद रह चुके हैं। और उन्ही पर अब परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने का जिम्मा है। दबंग राजनितिज्ञ अजित सिंह ने आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई की थी। वहीं, इलिनॉइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने मास्टर की डिग्री हासिल की थी। ऐसा कहा जाता है कि 1960 के दशक में आईबीएम में काम करने वाले वह पहले भारतीय थे। उनके निधन पर समाजवादी पार्टी समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।

समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा- 'राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह जी का निधन, अत्यंत दुखद! आपका यूं अचानक चले जाना किसानों के संघर्ष और भारतीय राजनीति में कभी ना भरने वाली जगह छोड़ गया है। शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना! दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान।'

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