कन्नौज । यहां की एक संस्था दावा कर रही है कि अगर कोई राजा जयचंद को गद्दार साबित कर दे तो उसे पांच लाख रुपए इनाम देंगे।
राजा जयचंद की जयंती महाशिवरात्रि को मनाई जाती है। कन्नौज के बाशिंदे जयचंद को प्रतापी सम्राट मानते हैं। सन् 1170 से 1194 के बीच कन्नौज में राज्यासीन रहे जयचंद की जयंती पर उनकी यशगाथा गाई जाती है। जयंती का आयोजन करने वाली कान्यकुब्ज सेवा समिति के संयोजक नवाब सिंह कहते हैं कि यह बिल्कुल निराधार है कि राजा जयचंद गद्दार थे। वह प्रतापी सम्राट थे। उनके कार्यकाल में कन्नौज के साम्राज्य का विस्तार हुआ। पृथ्वीराज चौहान ने उनकी बेटी संयोगिता का हरण किया, इसलिए वह नाराज थे। मोहम्मद गौरी से लड़ाई में राजा जचयंद ने इसी वजह कर मदद नहीं की थी। यह गलत है कि पृथ्वीराज को हराने के लिए जचयंद ने गौरी से हाथ मिलाया था। हम हमेशा से यह चुनौती देते रहे हैं कि कोई भी ऐतिहासिक तथ्यों आज साथ उन्हें गद्दार साबित करे तो वह संस्था की ओर से पांच लाख रुपए का इनाम देंगे। कई लोगों के फोन आए पर आज तक सबूत लेकर कोई नहीं आया।
साहित्यकार और कन्नौज के इतिहास के अध्येता प्रो. सुशील राकेश शर्मा कहते हैं कि इतिहास के किसी दस्तावेज में राजा जयचंद की गद्दारी के प्रमाण नहीं हैं। भ्रम फैलाया गया। सभी इतिहासकारों ने लिखा है कि जब गोरी दिल्ली जीत कर कन्नौज की ओर बढ़ा तो इटावा के पास जयचंद और उसकी सेना के बीच युद्ध में हुआ। इसमें जयचंद वीरगति को प्राप्त हुए। उन्होंने गोरी का साथ दिया होता तो यह युद्ध न होता।