जिला बार के 25 अधिवक्ताओं को हाईकोर्ट का नोटिस, मचा हड़कम्प

बार-बार हड़ताल किये जाने पर जताई नाराजगी, जिला जज के समक्ष देना होगा जवाब, जिला बार अध्यक्ष और महासचिव का नाम भी शामिल, जवाब देने को छह सदस्यीय कमेटी बनी;

Update: 2025-05-18 09:45 GMT

मुजफ्फरनगर। जिला बार संघ के 25 अधिवक्ताओं को हाईकोर्ट ने नोटिस देकर न्यायिक कार्यों में बाधा पहुंचाने के आरोप में जवाब तलब किया है। इसमें बार संघ के अध्यक्ष और महासचिव सहित कई प्रमुख पदाधिकारियों के साथ अन्य अधिवक्ताओं के नाम शामिल हैं। हाईकोर्ट द्वारा बार में बार बार हड़ताल करने के मामले में यह नोटिस दिया है, इसके लिए जिला जज के समक्ष जवाब दाखिल करने के लिए निर्देशित किया गया है। बार संघ ने आरोपों को गलत बताते हुए जवाब दाखिल करने के लिए छह वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पैनल गठित कर दिया है।

जिला कचहरी में हाईकोर्ट के एक नोटिस को लेकर भारी हलचल है। यह नोटिस प्रयागराज हाईकोर्ट की ओर से जिला बार संघ के 25 अधिवक्ताओं को जारी करते हुए हड़ताल कर न्यायिक कार्य को प्रभावित करने के आरोप लगाये हैं। इसके सहारे प्रयागराज हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर में न्यायिक कार्यों में बाधा डालने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए बार से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ठाकुर कवरपाल सिंह, महासचिव चौधरी चंद्रवीर सिंह, उपाध्यक्ष निश्चल त्यागी और कोषाध्यक्ष शशि प्रभा सहित 25 पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर आरोपित किया है। बार संघ के सूत्रों के अनुसार नोटिस में कहा गया है कि बार बार हड़ताल करते हुए न्यायिक कार्य को प्रभावित किया जा रहा है। इस नोटिस में हाईकोर्ट की ओर से पांच तारीखों पर जिला बार संघ के द्वारा न्यायिक कार्यों से विरत रहने और हड़ताल के लिए भेजे गये प्रस्तावों का संज्ञान लिया है। इन्हीं प्रस्तावों पर जिला बार संघ के पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। नोटिस में निर्देश दिए गये हैं कि आरोपों को लेकर सभी संबंधित अधिवक्ता 15 दिन के भीतर ही जवाब दाखिल करेंगे। यह जवाब जिला जज के न्यायालय में देने को कहा गया है। इस नोटिस के साथ ही हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि किसी भी अदालत में न्यायिक कार्यों की हड़ताल नहीं होनी चाहिए। इससे न्यायिक प्रक्रिया में बाधा आती है और लोगों को समय पर न्याय देने की व्यवस्था और परिकल्पना पूर्ण नहीं हो पाती है।

हाईकोर्ट के नोटिस को लेकर जिला बार संघ के के महासचिव चंद्रवीर सिंह एडवोकेट ने कहा कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की ओर से हड़ताल के प्रस्तावों को लेकर नोटिस जारी किया गया है। इसमें लगाए गए आरोप बेबुनियाद और गलत हैं। कहा कि नोटिस के सहारे उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। दावा करते हुए कहा गया कि पदभार संभालने के बाद से न तो उन्होंने कोई हड़ताल की है और न ही कार्य से विरत रहे हैं। बताया कि हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब जिला जज की कोर्ट में दाखिल करना है, इसके लिए बार संघ द्वारा छह वरिष्ठ अधिवक्ताओं की एक कमेटी बनाई गई है, जो कोर्ट में जवाब पेश करने के लिए तैयारी में जुट गई है। 

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