पालिका के टैक्स विभाग से जारी कर दिया फर्जी किरायेदारी सर्टिफिकेट
संपत्ति स्वामी ने टाउनहाल पहुंचकर किया हंगामा, अधिकारी-कर्मचारी पर लगाये गंभीर आरोप, ईओ ने प्रकरण में तलब की रिपोर्ट;
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में अधिकारी और कर्मचारी कितने निरंकुश हो गये हैं, लगातार सामने आ रहे गंभीर मामले खुद ही इसकी चुगली कर रहे हैं। अब ताजा मामले में पालिका के टैक्स विभाग से एक निजी अचल संपत्ति के लिए फर्जी रूप से किरायेदारी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। इसमें बड़ा खेल करने के आरोप लगाये गये हैं। इसी सर्टिफिकेट के सहारे व्यक्ति ने संपत्ति पर कोर्ट में दावा कर दिया। मामला खुला तो संपत्ति स्वामी ने परिजनों के साथ टाउनहाल पहुंचकर टैक्स विभाग में जमकर हंगामा किया और फर्जी सर्टिफिकेट को निरस्त कराने के साथ ही कार्यवाही की मांग की। इससे पालिका में पूरी हलचल मची है। ईओ ने प्रकरण का गंभीर संज्ञान लेकर पूरी रिपोर्ट तलब कर जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
शहर के मौहल्ला खालापार में स्थित निजी सम्पत्ति नगरपालिका परिषद् में मकान संख्या 1073 के अन्तर्गत दर्ज है। इसी सम्पत्ति को लेकर विवाद सामने आया है। बुधवार के सम्पत्ति के स्वामी ने परिजनों के साथ टाउनहाल स्थित पालिका मुख्यालय पहुंचकर भारी हंगामा किया। संपत्ति स्वामी ने टैक्स विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों पर मिलीभगत और फील गुड के सहारे उनके नाम पंजीकृत अचल सम्पत्ति के लिए किरायेदारी सर्टिफिकेट किसी अन्य व्यक्ति के नाम जारी कर दिया, जबकि उनकी सम्पत्ति पर कोई किरायेदारी नहीं है। न ही इसका कोई रिकॉर्ड ही पालिका के पास उपलब्ध है। बिना रिकॉर्ड और वैध दस्तावेज होने और सम्पत्ति उनके नाम दर्ज होने के बावजूद दस्तावेजों में हेरा-फेरी करते हुए अनुचित लाभ प्रदान करने की नीयत से यह फर्जी किरायेदारी सर्टिफिकेट पालिका के टैक्स विभाग से जारी किया गया।
भारी हंगामे के बीच लगे गंभीर आरोपों में पूरी पालिका में ही हड़कम्प की स्थिति बन गई। जांच पड़ताल की गई तो पालिका में पंजीकृत अचल सम्पत्ति नम्बर 1073 के लिए किरायेदारी सर्टिफिकेट जारी पाया गया। सूत्रों के अनुसार यह सर्टिफिकेट कार्यवाहक कर अधीक्षका पारूल यादव की ओर से जारी किया गया है, जब सम्पत्ति स्वामी ने उनसे जवाब तलब किया तो इसमें भारी गड़बड़ी और साजिश सामने आई है। हालांकि सभी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन इसमें टैक्स विभाग के एक लिपिक और एक अन्य कर्मचारी की मिलीभगत सामने आई है। इसी कर्मचारी ने लिपिक के साथ मिलकर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह फर्जी सर्टिफिकेट जारी किया है। डिस्पेच रजिस्टर में तैनात महिला कर्मचारी के बजाये इसी कर्मचारी की लिखावट दर्ज पाई गई है। बताया गया कि पीड़ित व्यक्ति ने फर्जी सर्टिफिकेट को निरस्त करने और जांच की मांग की है, उनसे एक दिन की मोहलत मांगी गई है। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने इस प्रकरण में बताया कि यह उनके संज्ञान में आया है, मामला बेहद गंभीर है। इसमें टैक्स विभाग से उन्होंने पूरी रिपोर्ट तलब की है। जांच कराई जायेगी, यदि दोष साबित होता है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। जांच के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।