खाद नहीं मिलने पर किसानों ने लगाया गोदाम पर ताला
भाकियू ने गन्ना समिति खतौली पर किया प्रदर्शन, गोदाम कीपर को धरने पर बैठाया;
मुजफ्फरनगर। जनपद में खाद का संकट गहराने और समितियों पर किसानों को पूरा दिन समय खराब करने के बाद भी खाद नहीं मिलने को लेकर अब आक्रोश जाहिर होने लगा है। मंगलवार को गन्ना समिति कार्यालय के गोदाम पर खाद लेने के लिए पहुंचे किसानों को जब खाद नहीं मिला तो हंगामा हो गया। यहां आये भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने किसानों को साथ लेकर गोदाम पर ताला लगाते हुए धरना शुरू कर दिया। यूपी में खाद संकट को लेकर सोमवार को ही भाकियू के प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर समाधान की मांग की है।
मंगलवार को भाकियू कार्यकर्ता खतौली स्थित गन्ना समिति के कार्यालय पर पहुंचे और खाद नहीं मिलने के कारण हंगामा शुरू कर दिया। खाद के गहराते संकट से परेशान किसानों ने गन्ना समिति के गोदाम का घेराव किया, जिस के बाद भाकियू कार्यकर्ताओं ने वहां पर धरना दिया और गन्ना समिति में तालाबंदी कर नारेबाजी की। आक्रोशित किसानों का कहना है कि पूरा दिन खपाने के बाद भी उनको एक बोरी खाद नसीब नहीं हो पा रहा है। आज भी सवेरे से किसान परेशान थे। इस प्रदर्शन के दौरान भाकियू कार्यकर्ताओं ने गन्ना समिति पर बने खाद गोदाम के कीपर विकास शर्मा को अपने बीच धरने पर बैठा लिया। किसानों का कहना है कि उनकी कहीं पर भी सुनवाई नहीं हो रही है। फिलहाल खेतों के लिए खाद की सबसे ज्यादा जरूरत है, लेकिन प्रशासन या गन्ना विभाग खाद संकट की गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है।
बता दें कि सोमवार को ही भाकियू नेता राकेश टिकैत ने यूपी में खाद समितियों पर उर्वरक की उपलब्धता के संकट और बाजारों में इसके लिए हो रही ओवररेटिंग के सम्बन्ध में पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि खरीफ फसलों की बुआई प्रारम्भ हो चुकी है, लेकिन प्रदेश के बहुत से जनपदों में किसानों को उर्वरक नहीं मिल पा रहा है। खाद समितियों में वितरण प्रणाली की गड़बड़ी का दंश प्रदेश का किसान झेल रहा है। सुबह दिन निकलते ही गेट पर आकर अपने वाहन इत्यादि कतारों में खड़े कर देते हैं। शाम तक भी उन्हें खाद नहीं मिल पाता है। ऐसे में फसलों की बुआई के साथ-साथ अगेती फसलों पर भी इसका गहरा प्रभाव पहुँच रहा है। कृषि विभाग की ओर से जिन दुकानदारों को लाईसेंस जारी किए गए हैं उन्हें बिक्री करने पर कमीशन मिलता है। इसी वजह से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में ओवररेटिंग कर रहे हैं। खाद की उपलब्ध सुनिश्चित कराते हुए ओवररेटिंग रोकने की मांग भी की गई है।