हथियार तस्करी का सियासी गठजोड़, सामने आया एक नेता का नाम!
भोपा पुलिस ने मुठभेड़ में किया था हथियार तस्करी के बड़े गिरोह का पर्दाफाश, राजनैतिक संरक्षण में हो रही थी अवैध हथियारों की सप्लाई;
मुजफ्फरनगर। भोपा पुलिस द्वारा बिहार से अवैध रूप से हथियारों की तस्करी करते हुए उनको मुजफ्फरनगर सहित वेस्ट यूपी के अन्य जनपदों और दूसरे राज्यों में ऑन डिमांड सप्लाई करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश और गैंग लीडर सहित 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब इस मामले में इन शातिर हथियार तस्करों के गिरोह के तार सीधे तौर पर राजनीतिक लोगों से जुड़े नजर आ रहे हैं। पुलिस की पहली जांच और इस प्रकरण में दर्ज कराई गई एफआईआर कुछ ऐसी ही चुगली कर रही है। इसमें गिरफ्तार 14 शातिर तस्करों के साथ ही पांच और नाम शामिल किये गये हैं। इस प्रकरण में एक नेता का नाम भी सामने आया है, जो गिरोह का संरक्षणदाता बताया गया है। जबकि एक नेता ने पुलिस में पुरजोर सिफारिश की। प्रकरण में राजनैतिक नेताओं के अमल दखल और नाम आने के बाद जिले में हलचल मची हुई है।
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने सोमवार को भोपा पुलिस द्वारा किये गये हथियार तस्करी के एक बड़े गिरोह के पर्दाफाश की जानकारी मीडिया से साझा की थी। इस मामले में पुलिस ने गैंग लीडर फिरोज अंसारी उर्फ बंटी सहित 14 तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से बड़े पैमाने पर अवैध असलहा बरामद किये थे। प्रकरण में उप निरीक्षक सुमित चौधरी ने भोपा थाने पर एफआईआर दर्ज कराई है। दस पेज की उनकी तहरीर में हथियार तस्करी से जुड़े इस गिरोह के 14 गिरफ्तार शातिर बदमाशों के अलावा पांच और नये नाम शामिल किये गये हैं, इनमें एक नाम ने सभी को चौंका दिया है। इस एक नाम को इस गिरोह का संरक्षणदाता बताया गया है।
एसआई सुमित चौधरी की ओर से भोपा थाने पर दी गई तहरीर के आधार पर दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि 3 अगस्त की रात थाना क्षेत्र के भोपा गंगनहर पर वाहनों की चैकिंग में व्यस्त हैं। इसी बीच टिप ऑफ मिला कि ग्राम गादला से बसेडा जाने वाले रास्ते पर नन्हेडी रजवाहे की पुलिया के पास कुछ लोग थार और बाइकों पर खड़े हैं। पुलिस फोर्स के साथ दबिश दी तो मुठभेड़ हो गई। पुलिस ने यहां से 14 लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास से बड़े पैमाने पर अवैध हथियार बरामद किये।
एसआई सुमित चौधरी द्वारा दर्ज कराई कई एफआईआर में मुल्जिमों से हुई पूछताछ के आधार पर पांच नये नाम भी शामिल किये गये हैं। तहरीर में कहा गया है कि गैंग लीडर फिरोज अंसारी उर्फ बंटी, आशु उर्फ विक्रांत एवं गुरूमन सिंह ने पूछताछ में बताया कि अवैध हथियारों की तस्करी उनका मुख्य पेशा है और वो सभी अमित राठी निवासी मोरना के आदमी हैं और उनको अमित राठी का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है और इस कार्य में तथा उनके अच्छे बुरे समय में अमित राठी ही मदद करता है। इसके साथ ही एसआई सुमित चौधरी ने अपनी तहरीर में यह भी उल्लेख किया है कि उक्त तीनों ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों एक पिस्टल नित्यांश पुत्र संजीव निवासी मुनीम कालोनी नई मंडी को 40 हजार रुपये में बेची थी, पिस्टल खरीदने सागर भी नित्यांश के साथ आया था। इसके अलावा तसव्वरर और सक्षम भी उनके गिरोह के साथ अवैध हथियार सप्लाई का कार्य करते हैं, जो मुठभेड़ की रात फरार हो गये थे।
उधर पुलिस ने इस प्रकरण में किसी भी प्रकार के सियासी गठजोड़ से इंकार किया है। पुलिस का कहना है कि प्रकरण में आरोपियों से पूछताछ में एक नेता का नाम आया था, लेकिन इसके लिए गहन जांच की गई, जिसमें नेता का इन अपराधियों से कोई भी सम्बंध साबित नहीं हो पाया। पुलिस जांच कर रही है। फरार आरोपियों और हथियार खरीद में सामने आये दूसरे लोगों पर भी कार्यवाही की जायेगी। इस मामले में एसएसपी संजय वर्मा ने बताया कि प्रकरण में जो भी नाम सामने आये हैं, गिरोह के साथ उनकी संलिप्तता की जांच एसपी देहात आदित्य बंसल को सौंपी गई है।