मूसलाधार बारिश-चरथावल थाने की छत ढही, किसान नेता की कार पर पेड़ गिरा

मौसम में आई नरमाहट, तेज बारिश के कारण शहर में जलभराव से जनजीवन हुआ बेहाल, घरों-दुकानों में भरा पानी;

Update: 2025-06-25 10:21 GMT

मुजफ्फरनगर। रविवार के बाद बुधवार को भी मौसम ने अचानक करवट ली और सुबह से ही आसमान में काली घटाएं छा गईं। इसके बाद तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, जिसने जिलेभर में जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया। शहर से लेकर देहात तक बारिश ने मौसम में गरमाहट से तो राहत दी, लेकिन कई स्थानों पर ये बारिश आफत लेकर भी आई।

बुधवार को सुबह से 12 बजे तक लगातार तेज बारिश होती रही, जिसके बाद बारिश तो थोड़ी हल्की जरूर हुई, लेकिन उमस और घुटन ने लोगों को बेहाल कर दिया। गर्मी और नमी के चलते कई जगह लोग पसीने से तर-बतर नजर आए। चरथावल थाना परिसर में बारिश ने खतरनाक रूप ले लिया जब एक पुराने कमरे की छत का एक हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। गनीमत रही कि अंदर मौजूद पुलिसकर्मी समय रहते बाहर निकल गया और बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गया। घटना के बाद पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि थाने में बने कई सरकारी आवासों की हालत जर्जर हो चुकी है और बारिश का पानी कमरों में भर जाता है। यदि इनकी जल्द मरम्मत नहीं कराई गई तो किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है।


इसी दौरान चरथावल क्षेत्र के ग्राम चौकड़ा मार्ग पर तेज बारिश और हवा के कारण एक बड़ा पेड़ राष्ट्रीय भूमिहार सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व किसान नेता काला प्रधान की कार पर गिर पड़ा। सौभाग्यवश, काला प्रधान समय रहते कार से बाहर निकल आए और उनकी जान बच गई। घटना के बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और कार पर गिरे पेड़ को हटवाने का प्रयास किया गया। पुलिस को सूचना दी गई। क्योंकि पेड़ गिर जाने के कारण मार्ग पर यातायात भी बाधित हो गया था। बारिश के बाद शहर के विभिन्न इलाकों में भारी जलभराव देखने को मिला। खासकर निचली बस्तियों में बारिश का पानी घरों में घुस गया, जिससे लोगों का रहना मुश्किल हो गया। कई परिवारों को घर से बाहर निकलकर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा। वहीं, मुख्य बाजारों में पानी भरने से दुकानदारों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। दुकानों में पानी और कीचड़ घुस जाने से माल खराब हो गया और ग्राहकों की आवाजाही भी बंद हो गई। रविवार की बारिश से उपजे हालात अभी सामान्य नहीं हो पाए थे कि बुधवार की बारिश ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी। लोग अब नगर पालिका की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं कि हर बार बारिश में शहर क्यों डूबता है? नालों की सफाई समय पर क्यों नहीं की जाती? बारिश से पहले की जाने वाली तैयारियाँ सिर्फ कागज़ों तक क्यों सीमित रहती हैं?

Similar News