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रक्तचाप नियंत्रित करने से लेकर वजन कम कर सकती हैं सौंफ

रक्तचाप नियंत्रित करने से लेकर वजन कम कर सकती हैं सौंफ
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डायटीशियन वेट लास प्रोग्राम में अक्सर सौंफ को शामिल करने की सलाह देते हैं। दरअसल, इसमें फाइबर उच्च मात्रा में होता है, जिसके कारण यह पाचन प्रक्रिया को धीमा करते हैं। ऐसे में आपको जल्द भूख नहीं लगती और आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं। भारत के हर घर की किचन में महिलाएं सौंफ का इस्तेमाल करती हैं। इतना ही नहीं, रेस्त्रां में भी भोजन के बाद सौंफ को सर्व किया जाता है। भारत सौंफ के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है और यहां पर इसका इस्तेमाल कई तरह की रेसिपीज में किया जाता है। विविध संस्कृतियों के लोग इसके विभिन्न औषधीय गुणों के कारण सौंफ के बीज का सेवन करना पसंद करते हैं। सौंफ के बीजों को अक्सर दीर्घायु के साथ जोड़ा जाता है और इसमें पाए जाने वाले कई तरह के पोषक तत्व मनुष्य को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं। तो चलिए आज हम आपको सौंफ के कुछ बेमिसाल फायदों के बारे में बता रहे हैं....

वजन कम करने में सहायकः डायटीशियन वेट लास प्रोग्राम में अक्सर सौंफ को शामिल करने की सलाह देते हैं। दरअसल, इसमें फाइबर उच्च मात्रा में होता है, जिसके कारण यह पाचन प्रक्रिया को धीमा करते हैं। ऐसे में आपको जल्द भूख नहीं लगती और आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें एंटीआक्सिडेंट पाए जाते हैं। एंटीआक्सिडेंट की उपस्थित किे साथ, सौंफ के बीज विटामिन और खनिजों के लिए शरीर की अवशोषण शक्ति को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। एंटीआक्सिडेंट का एक और लाभ यह है कि वे शरीर में वसा और कार्ब्स को तोड़ने में मदद करते हैं।

रक्तचाप को करें नियंत्रित: जर्नल आफ फूड साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि सौंफ के बीजों को चबाने से लार में नाइट्राइट की मात्रा बढ़ने में मदद मिलती है, जिससे यह रक्तचाप के स्तर पर जांच रखने का एक शानदार प्राकृतिक तरीका है। इसके अलावा, सौंफ के बीज भी पोटेशियम का एक बहुत समृ( स्रोत हैं और चूंकि पोटेशियम कोशिकाओं और शरीर के तरल पदार्थों का एक अनिवार्य घटक है, यह आपके हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

कब्ज, अपच और ब्लोटिंग में सहायकः इन बीजों में पाए जाने वाले तेलों की वजह से अपच, सूजन और कब्ज में मदद करने के लिए चाय को बहुत उपयोगी माना जाता है। सौंफ के बीज में एस्ट्रैगोल, फेन्कोन और एनेथोल होते हैं, जो पौधे के एंटीस्पास्मोडिक और एंटी.इंफलेमेटरी गुणों में योगदान करते हैं।

अस्थमा में सहायकः हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि सौंफ के बीज और उनके फाइटोन्यूट्रिएंट्स साइनस में मदद करते हैं। साइनस एक ऐसी स्थिति है जिसमें नाक मार्ग के आसपास गुहाएं सूजन हो जाती हैं। ऐसे में अगर सौंफ की चाय का सेवन किया जाए तो इससे ब्रोंकाइटिस, कंजेशन और खांसी में काफी आराम मिलता है।

रक्त को करें शु(ः इन बीजों में आवश्यक तेल और फाइबर हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए बहुत उपयोगी माने जाते हैं, जिससे रक्त को साफ करने में मदद मिलती है। इसलिए शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण से लेकर रक्त को साफ करने के लिए आपको सौंफ को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।

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