लखनऊ। प्रशासनिक कामकाज और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही लाभकारी योजनाओं को पात्रों तक पहुंचाने, राजस्व वसूली, कानून व्यवस्था सहित हर पैमाने पर सरकार ने अफसरों की कार्यप्रणाली को परखा है। इसमें कई ब्यूरोक्रेट के काम को सरकार ने सराहा तो काफी फिसड्डी साबित हुए हैं। मुजफ्फरनगर जिला पुलिस और प्रशासन इस मूल्यांकन में सराहनीय प्रदर्शन में कहीं भी नहीं ठहरता है। हालांकि बैंकट हाॅल पर कार्यवाही को लेकर चर्चाटों में रहे मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के वीसी यूपी में सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पांच प्रमुख विकास प्राधिकरणों में मुजफ्फरनगर का तीसरा नम्बर है, जबकि पडौसी जनपद के एसपी अभिषेक यूपी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिला पुलिस प्रमुखों में प्रदेश में नम्बर वन चुने गये हैं। जबकि इसी जनपद के कोतवाली शामली थाने को सबसे खराब प्रदर्शन की श्रेणी में रखा गया है। सहारनपुर के नगरायुक्त को भी नकारात्मक मार्किग मिली है, वो सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले नगरायुक्तों की लिस्ट में शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिकायतों के निस्तारण में हीलाहवाली पर खफा हैं। कई बार नसीहतों और निर्देश देने के बाद भी कई अफसरों के कार्य करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं नजर आ रहा है। सुस्त ब्यूरोक्रेसी और ब्यूरोक्रेट्स ब्ड योगी के रडार पर है। मुख्य सचिव खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों को पत्र भेज रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीएम योगी के पास थाना-तहसील से लेकर शासन स्तर तक की रिपोर्ट है। फरियादियों की संतुष्टि ही अफसरों की परफार्मेंस तय करेगी और उसी के आधार पर उनकी ट्रांसफर और पोस्टिंग भी होगी। जनशिकायतों का निस्तारण सीएम योगी की प्राथमिकता में है। सीएम निरंतर जनता दर्शन के माध्यम से लोगों की समस्याओं के निस्तारण के आदेश देते हैं। इसके बावजूद सीएम ने निचले स्तर पर शिकायतों के समाधान में लापरवाही को काफी गंभीरता से लिया है और नाराजगी जाहिर की है। मुख्य सचिव डीएस मिश्रा की तरफ से खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों को पत्र भेजा जा रहा है और ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्यवाही तय मानी जा रही है।