मुजफ्फरनगर पालिका-‘प्रधानजी’ की मजबूती तय करेगी जीत-हार
नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर चेयरमैनी में लवली और मीनाक्षी दोनों को पक्की जीत का भरोसा शुक्रवार को बूथों पर हुई वोटिंग पर मंथन कर हार जीत के आंकड़े दुरुस्त करने में जुटे गौरव और राकेश शर्मा, समर्थकों में होता रहा गुणा भाग;
मुजफ्फरनगर। जनपद में दस निकायों में नया चेयरमैन और अपने वार्ड का मैम्बर चुनने के लिए वोटरों मतदाताओं ने बैलेट पर मुहर लगाकर फैसला मतपेटियों में बंद कर दिया है। इसके साथ ही जीत और हार को लेकर आंकड़ेबाजी का दौर गत रात्रि से लेकर आज सुबह, दोपहर और शाम तक अलग अलग रूप में सामने आता रहा। सबसे ज्यादा चर्चा मुजफ्फरनगर पालिका में चेयरमैनी की चुनावी जंग को लेकर जिले में हो रही है। यहां पर दो बार की हार के बाद सत्ता में लौटने की कोशिश करने वाली भाजपा ने बूथों पर हुए मतदान की प्रशासनिक स्तर से सामने आयी रिपोर्ट के बाद उत्साह के साथ दावा किया है कि वो जनता के समर्थन से चुनाव जीत रही है, तो वहीं सपा और गठबंधन ने भी अपनी प्रत्याशी को मिले सर्वसमाज के वोट को आधार बताकर अपनी बड़ी जीत का दावा पेश कर दिया है। दोनों ही पक्षों में जीत को लेकर एक उत्साह है तो वहीं कम वोट प्रतिशत के कारण कहीं ने कहीं दोनों पक्षों में वोट इधर और उधर खिसक जाने का भय भी बना हुआ है। ऐसे में सबसे बड़ी बात यही सामने आ रही है कि भाजपा की मीनाक्षी स्वरूप और सपा गठबंधन की प्रत्याशी लवली शर्मा के बीच जीत और हार न तो भगवा समर्थक तय कर रहे हैं और न ही साइकिल पर सवार मुस्लिम, बल्कि इस जीत और हार के लिए चुनावी बिसात पर हुए सियासी समुद्र मंथन में ‘प्रधानजी’ की पाॅकेट कितनी वोट उगलती है, इसी पर निर्भरता बन गई हैं। हाथी पर सवार ये ‘प्रधानजी’ यदि दलित मतदाताओं के बूथों पर प्रभावशाली रहे तो लवली को सीधा लाभ मिलेगा और यदि इनके द्वारा मुस्लिमों में सेंधमारी कर दी तो निश्चित तौर पर भाजपा की मीनाक्षी काफी मजबूत खड़ी नजर आयेंगी। इतना ही नहीं औवेसी की ‘पतंग’ का चीनी मांझा भी जीत और हार की गिल्ली यहां से वहां उड़ाकर रख दें तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
मुजफ्फरनगर पालिका के चेयरमैनी चुनाव में कहने को दस प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे। इनमें भाजपा से मीनाक्षी स्वरूप पत्नी गौरव स्वरूप, सपा गठबंधन से लवली शर्मा पत्नी राकेश शर्मा, बसपा से रोशन जहां पत्नी इंतजार त्यागी उर्फ ‘प्रधानजी’ और कांग्रेस से बिलकीस चैधरी एडवोकेट पत्नी हाकम अली के साथ ही ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से छोटी पत्नी गुलबहार मलिक मुख्य मुकाबले में रहे, लेकिन चुनाव में सीधी टक्कर लवली शर्मा और मीनाक्षी स्वरूप के बीच ही देखी गयी। गुरूवार को मतदान निपट गया। इसमें 4.21 लाख मतदाताओं वाली नगरपालिका में 50.24 प्रतिशत मतदान हुआ, जोकि बेहद कम माना जा रहा है। इसमें 211759 मतदाताओं ने ही वोट डाले हैं।
मतदान के बाद जिस प्रकार से मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ज्यादा मतदान होने का शोर मचा तो उससे भाजपा के खेमे में एक बैचेनी का आलम बना नजर आया, लेकिन देर रात जब जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से बूथों पर हुई वोटिंग प्रतिशत का आंकड़ा जारी किया गया तो सारी स्थिति साफ हो गयी। इसमें लवली शर्मा और मीनाक्षी स्वरूप के राजनीतिक दलों के प्रभाव वाले क्षेत्रों और वोट बैंक से जुड़े मुख्य इलाकों के बूथों पर वोटिंग प्रतिशत लगभग बराबर नजर आ रहा है। 2 लाख 11 हजार वोटों में बूथ प्रतिशत सामने आने के बाद लवली शर्मा के पति राकेश शर्मा और मीनाक्षी स्वरूप के पति गौरव स्वरूप अपने समर्थकों के साथ गुणा भाग करने मे जुटे नजर आये।
शुक्रवार को सवेरे से फिर यह आंकड़ेबाजी का खेला शुरू हो गया। वहीं मतदान निपटने के बाद दोनों ही मुख्य दलों के प्रत्याशी और परिवार काफी सुकून में दिखाई दिये और अपनी अपनी जीत का दावा किया। भाजपा प्रत्याशी मीनाक्षी स्वरूप के पटेलनगर स्थित आवास पर सवेरे से ही उनके समर्थकों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया था। गौरव स्वरूप चुनाव प्रचार और मतदान दिवस की भागदौड़ की थकान के कारण गुरूवार रात्रि में जल्दी सो गये और सवेरे उठकर समर्थकों के साथ जीत और हार के आंकड़े दुरुस्त करने के लिए मंथन में जुटे नजर आये। वहीं उनकी पत्नी भी सवेरे से ही परिवार के बीच खुशगवार माहौल में दिखी। गौरव स्वरूप ने बातचीत में कहा कि जिस प्रकार वोटिंग कम हुई है, जीत और हार का मार्जिन वो दस हजार से कम मान रहे हैं, लेकिन यह पक्का है कि जीत भाजपा की पक्की होगी। मतदाताओं का भरपूर समर्थन उनको मिला है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम वोटरों की संख्या को लेकर अलग अलग आंकड़े हैं, तो भाजपा के वोट बैंक ने भी कमजोर मतदान कहीं नहीं किया है। उनको विश्वास है कि 13 मई को जनसमर्थन उनकी पत्नी मीनाक्षी और भाजपा के पक्ष में खड़ा दिखाई देगा। मीनाक्षी स्वरूप ने भी मतदाताओं का आभार जताते हुए मजबूत विश्वास जताया कि वो जीत रहीं हैं।
इसके साथ ही भाजपा के खिलाफ लड़े सपा नेता राकेश शर्मा और उनकी पत्नी लवली शर्मा ने पूजा पाठ से अपनी दिनचर्या को शुरू किया और पूरा समय अपने बच्चों व परिवार के बीच दिया। राकेश शर्मा ने कहा कि सर्वसमाज ने उनको वोट दिया है। सपा के वोट बैंक का लाभ भी उनको मिल रहा है। वो शत प्रतिशत अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। लवली शर्मा ने कहा कि जीतने के बाद वो महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहती हैं, साथ ही शहर को सुंदर बनाना उनका मकसद होगा।
वहीं भाजपा और गठबंधन के बीच बने जीत और हार के असमंजस के बादलों को इस चुनाव मैदान में उतरे ‘प्रधानजी’ की मजबूती ही दूर कर सकती है। बसपा प्रत्याशी का हाथी कहां पर कितना सेंधमारी करने में सफल रहा है, यह 13 मई को ही साफ होगा, लेकिन गठबंधन और भाजपा की जीत ‘प्रधानजी’ की मजबूती पर ही टिकी है। वहीं भाजपा को इस चुनाव में अपनी जीत के लिए ओवैसी की ‘पतंग’ से भी बड़ी उम्मीद बंधी हैं। यदि पतंग ऊंची उड़ी तो भाजपा अपनी जीत मान रही है। खैर यह सभी कुछ 13 मई को मतपेटियों के खुलने के साथ ही साफ हो जायेगा, लेकिन तब तक आंकड़ेबाजी में सभी अपनी अपनी जीत को देख रहे हैं। इतना जरूरी है कि लवली या मीनाक्षी में से कोई भी जीता, तो पालिका में रिकार्ड जरूर बनने जा रहा है। लवली की जीत पालिका चुनाव में सपा की पहली चेयरमैन लाने वाली होगी तो मीनाक्षी की जीत भाजपा की वापसी कराने वाली साबित होगी।