जिले में कोल्ड डे-अलाव के पास भी कांपे लोग

पारा गिरने से गुरूवार को मांस को चीरकर हाड़ तक पहुंची शीतलहर ने कराया कड़ाके की ठण्ड का अहसास 15 दिसम्बर के बाद सबसे कम 4.5 डिग्री सेल्सियस रहा सुबह का तापमान, दिन भर छाई रही कोहरे की चादर शहर के बीच भी सड़कों पर रेंगते नजर आये वाहन, नये साल का सबसे ठण्डा दिन रहने से जनजीवन प्रभावित;

Update: 2023-01-05 11:56 GMT

मुजफ्फरनगर। नये साल में गुरूवार सबसे ठण्डा दिन रहा। इस दिन न्यूनतम तापमान ने जमकर गोता लगाया और पारा करीब एक डिग्री सेल्सियस से ज्यादा की गिरावट के साथ नीचे उतरा तो लोगों को शीतलहर के साथ बढ़ी ठिठुरन में अलाव के नजदीक भी कांपते हुए देखा गया। बुधवार को निकली धूप से मिली लोगों की राहत के बीच ही गुरूवार को जिले में कोल्ड डे जैसी स्थिति ने जमकर परीक्षा ली। आज सवेरे से शाम तक शहर और देहात में कोहरे की चादर तनी रहने के कारण शहरी सड़कों पर भी वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहा तो मांस को चीरकर हड्डियों तक पहुंच रही शीतलहर के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित नजर आया।

गुरूवार को कड़ाके की ठण्ड के कारण लोगों की दिन की शुरूआत देर से हुई तो शाम भी जल्द ही छिपने लगी। बुधवार को तापमान ऊंचा उठा और धूप निकलने के कारण राहत मिली तो गुरूवार को कड़ाके की सर्दी ने सभी को अस्त व्यस्त कर दिया। सवेरे से ही शहर और गांव देहात में कोहरे की घनी चादर खिंची नजर आई, शीतलहर के जोर के कारण गुरूवार का दिन इस नये साल का सबसे ठंडा दिन रहा। सुबह का तापमान करीब एक डिग्री से ज्यादा का गोता लगाकर 4.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। आज अचानक ही बढ़ी ठंड ने लोगों की दिक्कत को भी बढ़ाने का काम किया। अलाव पर हाथ सेंककर लोगों ने राहत ली, लेकिन अलाव के नजदीक रहने के बावजूद भी लोगों को शीतलहर के जोर के कारण कांपते हुए देखा गया। शहर पूरी तरह से कोहरे की चादर में ढक गया। जनपद में लगातार बढ़ रही ठंड से लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। नए साल में पारे का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है। सुबह के समय कोहरा होने के कारण सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम रही। हाईवे और शहर की मुख्य सड़कों पर भी वाहन रेंगने के लिए मजबूर हुए। 2023 की शुरुआत शीतलहर और कड़ाके की ठंड के साथ हुई है। गुरुवार का दिन साल का सबसे ठंडा दिन रहा। सुबह के समय पारा 4.5 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया। 1 जनवरी की बात करें तो उस दिन न्यूनतम तापमान 5.32 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। जबकि 2 जनवरी को 7 डिग्री, 3 जनवरी को 5.2 और 4 जनवरी को तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस रहा था। 5 जनवरी के दिन पारा नीचे जाने के कारण कड़के की ठण्ड ने दस्तक दी। शीत के ज्यादा प्रभावी रहने के कारण लोगों के हाथ पांव भी सुन्न हो गये और रगो में खून भी जमता महसूस होने लगा। अलाव के पास ही दिन निकला और इसी के पास लोगों की शाम कब हो गयी पता ही नहीं चला। तापमान में आ रही गिरावट से दमा और सांस के मरीजों की दिक्कत बढ़ गई है। कोहरे के चलते सांस के मरीजों की तकलीफ में इजाफा हुआ है। विशेष चिकित्सकों का कहना है कि मौजूदा मौसम में सांस के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने सलाह दी कि घरों में कोयले की अंगीठी आदि जलाने से परहेज करें। धुआं बढ़ने से स्वास्थ संबंधी दिक्कत पैदा हो सकती हैं। इसके साथ ही मौसम विज्ञानी आगामी दिनों में कड़ाके की ठण्ड की चेतावनी दे रहे हैं। गन्ना शोध संस्थान में मौसम विशेषज्ञ पान सिंह के अनुसार इस सीजन में 15 दिसम्बर को न्यूनतम पारा 4.0 डिग्री सेल्सियस के बाद 05 जनवरी को सबसे कम 4.5 डिग्री सेल्सियस पारा रहा है। उनका कहना है कि आगामी दिनों में इसमें और गिरावट आने की पूरी संभावन है। इसको देखते हुए लोगों को अगले दिनों में शीतलहर के भयंकर प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है।

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