एमजी पब्लिक स्कूल में पर्यटन, पर्यावरण और वन्य जीवन पर वाद-विवाद

क्या पर्यटन का तेजी से बढ़ना पर्यावरण और वन्य जीवन के लिए हानिकारक है? विषय पर हुई प्रतियोगिता;

Update: 2025-07-30 08:48 GMT

मुजफ्फरनगर। एमजी पब्लिक स्कूल के प्रांगण में बुधवार को कक्षा 5 के छात्रों के लिए एक विचारोत्तेजक हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का विषय ‘क्या पर्यटन का तेजी से बढ़ना पर्यावरण और वन्य जीवन के लिए हानिकारक है?’ रहा। प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहे सभी विद्यार्थियों ने न केवल अपनी उत्कृष्ट भाषण-कला का प्रदर्शन किया, बल्कि पर्यावरणीय मुद्दों पर अपनी गंभीर सोच और जागरूकता का भी परिचय दिया।

प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने बताया कि प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने विषय के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार अत्यंत स्पष्टता, आत्मविश्वास और प्रमाणिकता के साथ प्रस्तुत किए। प्रकृति के प्रति उनकी चिंता और जागरूकता हर श्रोता को प्रभावित कर रही थी। बच्चों ने अपने भाषणों में वन्य जीवों के निवास स्थानों में बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप, प्रदूषण, प्लास्टिक उपयोग और अव्यवस्थित पर्यटन गतिविधियों से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को गहराई से रेखांकित किया।

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प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों में जो जागरूकता और तर्कशक्ति देखने को मिली, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। पर्यावरण और वन्य जीवन की रक्षा हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। पर्यटन को संतुलित और जिम्मेदार बनाकर ही हम प्रकृति की सुंदरता को सुरक्षित रख सकते हैं। हमारे छोटे-छोटे प्रयास, जैसे प्लास्टिक का कम उपयोग, जैव विविधता की रक्षा और नैतिक पर्यटन को अपनाना, इस दिशा में बड़े बदलाव ला सकते हैं। पर्यटन का विकास आवश्यक है, लेकिन अगर यह बिना पर्यावरण संतुलन के किया जाए तो इसका प्रतिकूल प्रभाव प्रकृति के लिए विनाशकारी हो सकता है।

प्रधानाचार्या ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों में न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें समसामयिक मुद्दों पर सोचने और अपने विचार अभिव्यक्त करने का मंच भी प्रदान करती हैं। बच्चों की यह सहभागिता बताती है कि यदि हम उन्हें सही दिशा दें, तो वे न केवल अच्छे नागरिक बनेंगे, बल्कि प्रकृति के रक्षक भी बन सकते हैं। उन्होंने बच्चों से अपील की कि वे प्रकृति के मित्र बनें और अपने आसपास के पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखने में योगदान दें। कार्यक्रम में शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं अन्य स्टाफ का सराहनीय सहयोग रहा। बच्चों ने भी उत्साहपूर्वक प्रतिभाग करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हुए ये संदेश दिया कि पर्यटन बढ़े, लेकिन प्रकृति भी सुरक्षित रहे।

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