कमिश्नर के सामने नई टाउनशिप का ग्रामीणों ने किया खुला विरोध

शेरनगर में प्रस्तावित आवास विकास योजना का ग्रामीणों ने किया विरोध, मंडलायुक्त को सौंपा ज्ञापन;

Update: 2025-07-30 09:55 GMT

मुजफ्फरनगर। विकास प्राधिकरण (एमडीए) की बोर्ड मीटिंग में उस समय विरोध के सुर तेज हो गए जब शेरनगर गांव के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारिकरण योजना के तहत प्रस्तावित नई टाउनशिप स्कीम के तहत भूमि अधिग्रहण की तैयारी पर कड़ा ऐतराज़ जताया। एमडीए की बोर्ड बैठक में पहुंचे सहारनपुर मंडल के आयुक्त अटल कुमार राय को ग्रामीणों और किसानों ने ज्ञापन सौंपते हुए भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव पर अपनी असहमति दर्ज कराई।

ग्रामीणों का कहना है कि मेरठ हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग 58 एवं पानीपत खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग तथा मुजफ्फरनगर जौली राज्य राजमार्ग के मध्य स्थित शेरनगर गांव की लगभग 21 हैक्टेयर बहुफसलीय कृषि भूमि, जिसमें धार्मिक और सामाजिक स्थलों जैसे ईदगाह, कब्रिस्तान, और देवी-देवताओं के स्थान भी शामिल हैं, को नई टाउनशिप विकसित करने के लिए अधिग्रहण में लाना पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम न केवल उनके मौलिक अधिकारों का हनन है, बल्कि उनकी आजीविका पर भी सीधा प्रहार है।

इस नई आवास योजना का पहले ही दिन से विरोध कर रहे ग्रामीणों और किसानों का दल बुधवार को गांव से मेरठ स्थित एमडीएम कार्यालय तक पहुंचा और वहां उन्होंने मंडलायुक्त को ज्ञापन सौंपकर अधिकारियों से प्रस्तावित योजना में भूमि अधिग्रहण पर चर्चा न करने की मांग की। उनका कहना था कि यह भूमि उनके परिवारों की आजीविका का एकमात्र साधन है, जिसे किसी भी कीमत पर वे आवासीय योजना के लिए देने को तैयार नहीं हैं। ज्ञापन में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारिकरण योजना के तहत शेरनगर गांव की भूमि अधिग्रहण का विरोध करते हुए कहा कि इससे न केवल कृषि क्षति होगी, बल्कि सामाजिक संतुलन भी प्रभावित होगा। ग्रामीणों की यह मांग है कि प्रस्ताव पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई से पूर्व गांव के लोगों की राय और आजीविका को ध्यान में रखा जाए। इस दौरान सैयद खुर्रम एडवोकेट, सौरभ सिंह, मनोज गुर्जर, मुन्ना, मोहम्मद अनसीर, मगेन्द्र कुमार, विनय कुमार, नितिन, शलभ, फिरोज सहित दर्जनों ग्रामीण और किसान उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।

ग्रामीणों के विरोध का कारण-मंहगी जमीन का कम मुआवजा

मुजफ्फरनगर। सरकारी आवासीय योजनाओं में हमेशा से ही बड़ा खेल होता रहा है। जनपद के जानसठ रोड पर 15 साल पूर्व लाई गई श्री बाला जी कंसोर्सियस की द्वारिका सिटी टाउनशिप का प्रकरण हाल फिलहाल बड़ी चर्चाओं में है। ऐसे में अब शेरनगर के पास नई टाउनशिप विकसित करने की योजना को लेकर हंगामा मचा है। दरअसल, इस नई टाउनशिप का शेरनगर के साथ ही दूसरे ग्रामों के लोग इसलिए भी खुलकर विरोध कर रहे हैं। इस योजना के लिए अधिग्रहण को चिन्हित की गई इनमें से अधिकांश लोगों की भूमि हाईवे या राज्य मार्ग पर स्थित है। सूत्रों के अनुसार हाईवे वाली भूमि की कीमत आसमान छू रही हैं और एक से डेढ़ करोड़ रुपये बीघा के दाम बाजार में चल रहे हैं। ऐसे में अधिग्रहण के लिए मुआवजा मात्र 30-35 लाख रुपये बीघा बताया जा रहा है, तो किसान या ग्रामीण अपनी बेशकीमती भूमि लुटाने को तैयार नहीं है। इससे पहले भी एमडीए ने पीनना की ओर एक नई टाउनशिप विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए प्रयास किये, लेकिन किसानों की असहमति और विरोध के कारण यह प्रयास भी ठण्डे बस्ते में चले गये। 

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