हाथरस कांड में पीएफआई और भीम आर्मी के बीच कनेक्शन की जांच

जांच के दौरान पीएफआई के पदाधिकारियों से कुछ विश्वसनीय साक्ष्य मिले हैं। इन साक्ष्यों के आधार पर पीएफआई और भीम आर्मी के बीच आर्थिक लेन-देने की जांच की जा रही है।

Update: 2020-11-21 08:09 GMT

लखनऊ। प्रवर्तन निदेशाल ईडी को हाथरस कांड को लेकर जांच के दौरान पीएफआई के पदाधिकारियों से कुछ विश्वसनीय साक्ष्य मिले हैं। इन साक्ष्यों के आधार पर पीएफआई और भीम आर्मी के बीच आर्थिक लेन-देने की जांच की जा रही है।

पीएफआई के विरुद्ध मनी लाॅन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही ईडी ने पिछले दिनों हाथरस कांड में उसकी भूमिका भी की जांच की थी। ईडी की टीम ने दिल्ली से हाथरस जाते समय मथुरा में गिरफ्तार किए पीएफआई के चारों कथित सदस्यों से पूछताछ भी की थी। ईडी एक वेबसाइट के माध्यम से एकत्रित धन के लाभार्थियों की भी जांच कर रहा है। हाथरस पुलिस ने जातीय हिंसा भड़काने के मकसद से वेबसाइट बनाकर दुष्प्रचार किए जाने के संबंध में मुकदमा दर्ज किया हुआ है। इस मामले की जांच अब एटीएफ कर रही है। शासन स्तर से गठित एसआईटी ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में हाथरस कांड के बाद सुनियोजित साजिश रचे जाने की बात कही थी। हाथरस कांड के बाद विरोध प्रदर्शन के लिए लोगों को उकसाने के मकसद से बनाई गई यह वेबसाइट एसटीएफ के भी निशाने पर हैं। यह वेबसाइट 'जस्टिस फाॅर हाथरस विक्टिम' नाम से बनाई गई थी।  

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