अपहरण कर कुकर्म के आरोपी साधु को 20 साल की सजा

दो साल पहले हरिद्वार घुमाने के बहाने धार्मिक स्थल में बनाया था बंदी, कोर्ट ने अर्थदंड भी लगाया;

Update: 2025-08-02 13:24 GMT

मुजफ्फरनगर। 14 साल के बच्चे के साथ कुकर्म के मामले में एक धार्मिक स्थल के सेवादार साधु को विशेष पोक्सो कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर दोष साबित हो जाने के कारण शनिवार को 20 साल की सजा सुनाते हुए दोषी पर साढ़े दस हजार रुपये का अर्थदंड भी अधिरोपित किया है।

डीजीसी राजीव शर्मा ने बताया कि फुगाना थाना क्षेत्र के गांव सरनावली में स्थित एक धार्मिक स्थल में सेवादार के रूप में कार्य करने वाले साधु लोकेश नाथ कश्यप ने एक बालक के साथ कुकर्म किया। 12 जुलाई 2023 को आरोपी साधु लोकेश नाथ एक गांव के 14 वर्षीय बच्चे को हरिद्वार घुमाने ले जाने के बहाने अपने साथ जंगल में ले गया था। आरोपी ने बच्चे के साथ जंगल में जबरदस्ती कुकर्म किया। उसके बाद आरोपी ने बच्चे को रातभर हाथ पैर बांधकर धार्मिक स्थल में ही बंधक बनाए रखा और उसको डराया-धमकाया ताकि बच्चा किसी को घटना के बारे में न बताए। बंधन मुक्त करने के बाद साधु ने अगले दिन बच्चे को घर जाने दिया। 

बच्चा पूरी रात गायब रहा और घर जाने के बाद वो भयभीत दिखा तो परिजनों को संदेह हुआद्व जोर दिया तो बालक ने अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी। बच्चे के परिजन ने थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दी। पुलिस ने तहरीर मिलने पर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस प्रकरण में अभियोजन की ओर से एडीजीसी विक्रांत राठी व दीपक गौतम ने पैरवी की। एडीजीसी विक्रांत राठी ने बताया कि मामले की सुनवाई विशेष पोक्सो कोर्ट की न्यायाधीश अलका भारती के न्यायालय में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सामने आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी साधु लोकेश नाथ को दोषी ठहराने के साथ ही 20 साल की सजा और साढ़े दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

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