हिमाचल में कुदरत का कहर: किन्नौर में बादल फटने से तबाही, कैलाश यात्रा रोकी गई, 413 श्रद्धालु रेस्क्यू

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के तंगलिंग में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात बन गए। कैलाश मानसरोवर यात्रा रोक दी गई है, दो पुल बह गए हैं और रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। ITBP ने जिपलाइन की मदद से 413 श्रद्धालुओं को सुरक्षित रेस्क्यू किया। किन्नौर के रिब्बा गांव और अन्य इलाकों में भी भूस्खलन व मलबा गिरने से कई सड़कें बंद हैं।;

Update: 2025-08-06 08:30 GMT

मानसून ने पहाड़ों पर कहर बरपा दिया है। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को तंगलिंग क्षेत्र में बादल फटने की भयावह घटना ने तबाही मचा दी। सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में पहाड़ों से मलबा और चट्टानें तेजी से नीचे गिरती दिख रही हैं, जिससे पूरे इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए।

कैलाश यात्रा मार्ग तबाह, दो पुल बह गए

अचानक आई बाढ़ के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर दो पुल बह गए हैं। शेष रास्ता भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके चलते यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। कई श्रद्धालु मार्ग में ही फंसे रह गए।

ITBP ने 413 यात्रियों को सुरक्षित निकाला

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की टीम ने साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए जिपलाइन के माध्यम से 413 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला है। उनकी मदद से एक बड़ा हादसा टल गया।

रालडांग खड्ड में भी बादल फटा, नेशनल हाईवे-5 बंद

किन्नौर के रिब्बा गांव के पास रालडांग खड्ड में भी बादल फटने की घटना सामने आई है। इसके चलते नेशनल हाईवे-5 के लगभग 150 मीटर हिस्से पर मलबा और भारी पत्थर जमा हो गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बंद हो गया है। हालांकि, अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

500 से ज्यादा सड़कें बंद, स्कूलों में छुट्टी

इससे एक दिन पहले मंगलवार रात चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर भूस्खलन हुआ, जिससे पूरे राज्य में 500 से ज्यादा सड़कों पर आवाजाही ठप है। हालात की गंभीरता को देखते हुए शिमला, मंडी, सोलन और कुल्लू जिलों के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।

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