ओपिनियन पोल-पश्चिम बंगाल में इस बार भी टीएमसी सरकार

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में ओपिनियन पोल ने भाजपा को नुकसान जाहिर कर दिया है। इसके अनुसार पश्चिमी बंगाल में फेल होगा भाजपा के चाणक्य का अभियान, तीसरी बार सीएम बनेंगी ममता बनर्जी, असम में भाजपा की हो सकती है वापसी, पुडुचेरी में भाजपा को लाभ, केरल में लौटेगा लैफ्ट, तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन की बयार बह रही है।

Update: 2021-02-28 14:52 GMT

नई दिल्ली। देश में किसान आंदोलन उत्तर से दक्षिण तक अपनी दस्तक दे रहा है। ऐसे में देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की रणभेरी भी बज चुकी है। चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी होने के साथ ही इन पांचों राज्यों में आचार संहिता भी लग गयी है। चुनाव तारीखों का ऐलान होने के साथ ही देश में बढ़ी सियासी सरगर्मी के बीच इन पांचों राज्यों में राजनीतिक भविश्यवाणी भी सामने आई हे। एबीपी न्यूज ने पश्चिम बंगाल सहित इन पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के बाद की तस्वीर को एक ओपिनियन पोल के सहारे पेश करने का काम किया है। इसमें दावा किया गया है कि भाजपा का मिशन बंगाल असरदार साबित नहीं होगा और राजनीतिक नुकसान के बावजूद ममता बनर्जी सत्ता में लौटेंगी। भाजपा के लिए खुशखबरी यह है कि पुडुचेरी में कांग्रेस की बगावत का लाभ उसे मिलता नजर आ रहा है। केरल में लेफ्ट सत्ता पर काबिज रहेगा और असम में भाजपा वापसी कर रही है तो तमिलनाडु में इस बार सत्ता परिवर्तन की बयार है। अब यह तो दो मई का दिन ही बतायेगा कि यह ओपिनियन पोल कितना खरा है।

एबीपी न्यूज के ओपिनियन पोल सी वोटर सर्वे के अनुसार पश्चिम बंगाल में भाजपा की चुनौती से जूझ रही टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी वापस सत्ता में लौट रही हैं। कुछ सीटों के नुकसान के बावजूद भी तीसरी बार ममता बनर्जी अपनी सरकार बनाने में सफल नजर आ रही हैं। इसके लिए दक्षिण पश्चिम बंगाल का सर्वे पेश किया गया है। सीटों की संख्या के लिहाज से बंगाल का सबसे बड़ा क्षेत्र है, यहां कुल 119 सीटें हैं। दक्षिण पश्चिम बंगाल क्षेत्र में टीएमसी और बीजेपी के बीच जबरदस्त टक्कर दिखायी दे रही है, लेकिन इस लड़ाई में ममता बनर्जी भारी पड़ती नजर आ रही हैं। एबीपी न्यूज सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक दक्षिण पश्चिम बंगाल में टीएमसी को 65-69 सीटें मिल सकती हैं। वहीं बीजेपी के खाते में 45-49 सीटें जा सकती हैं। सबसे बड़े क्षेत्र में कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन की हालत बेहद खराब नजर आ रही है। गठबंधन के खाते में सिर्फ 4-6 सीटें जाती हुयी नजर आ रही हैं। बंगाल के दक्षिण पूर्व क्षेत्र में विधानसभा की कुल 84 सीटें हैं, सीटों की संख्या के हिसाब यह दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। दक्षिण पूर्व बंगाल में कोलकाता, हावड़ा, हुगली, नादिया, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिले आते हैं। एबीपी न्यूज सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक इस क्षेत्र में टीएमसी बीजेपी पर भारी पड़ती नजर आ रही है। आंकड़ों की बात करें तो टीएमसी के खाते में 43-47 सीटें जा सकती हैं। वहीं दूसरे नंबर पर बीजेपी ममता बनर्जी को इस क्षेत्र में कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है और उसे 24-28 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। बाकी दो क्षेत्रों की तरह दक्षिण पूर्व बंगाल में भी कांग्रेस़लेफ्ट तीसरे नंबर पर आता दिखायी दे रहा है। गठबंधन को यहां 12-14 सीटें मिल सकती हैं।

उत्तर बंगाल क्षेत्र का मूड? ग्रेटर कोलकाता के बाद बारी आती है उत्तर बंगाल की, सीटों की संख्या के हिसाब से यह तीसरा बड़ा क्षेत्र है। उत्तर बंगाल में कुल 56 विधानसभा सीटें हैं। एबीपी न्यूज सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक उत्तर बंगाल में ममता बनर्जी को झटका लगता नजर आ रहा है। यहां बीजेपी टीएमसी का खेल खराब कर सकती है। आंकडों की बात करें तो टीएमसी के खाते में 14-18 सीट जा सकती हैं। बीजेपी के उत्तर बंगाल क्षेत्र के खुश करने वाली खबर है। उत्तर बंगाल में बीजेपी को 21-25 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन इस क्षेत्र में तीसरे पायदान पर नजर आ रहा है। गठबंधन को 13-15 सीटें मिल सकती हैं। बंगाल के ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र की बात करें तो इसमें कुल 35 सीटें हैं। एबीपी न्यूज सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र में पूरी तरह टीएमसी का दबदबा नजर आ रहा है। सीटों की बात करें तो ग्रेटर कोलकाता में टीएमसी के खाते में 26-30 सीटें जा सकती हैं। वहीं बीजेपी इस क्षेत्र में महज 2-6 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। कांग्रेस़ लेफ्ट गठबंधन को भी इस क्षेत्र में 2-4 मिल सकती हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में 294 सीटों में टीएमसी को 148 से 164 सीटें मिलने का दावा किया गया है, जबकि एनडीए को यहां पर 92 से 108 सीटें मिलेंगी। कांग्रेस 31 से 39 सीटों पर सिमटती दिखाई दे रही है। 

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