MUZAFFARNAGAR-रालोद नेताओं से उलझ गये एसएसपी अभिषेक सिंह, पुलिस कार्यालय में धरना

मन्सूरपुर थाने में किसी पीड़ित की बात लेकर कप्तान के पास पहुंचे थे रालोद नेता अजित राठी और संजय राठी, गंभीर अभद्रता करने का आरोप, धूप में ही एसएसपी ऑफिस पर मान-सम्मान की बात लेकर धरने पर डटे रालोद नेता, बात करने के लिए बुलाते रह गये पुलिस कप्तान

Update: 2024-05-08 10:40 GMT

मुजफ्फरनगर। भाजपा के साथ गठबंधन करने के बार सत्ता पक्ष में आ जाने और अपना खुद का एक कैबिनेट मंत्री यूपी सरकार में होने के बावजूद राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं के साथ आला अफसरों का रवैया दोयम दर्जे का साबित हो रहा है। इसी को लेकर रालोद नेताओं में आक्रोश है। रालोद के दो नेता ऐसे ही एक पीड़ित की बात लेकर पुलिस कप्तान के पास उनके कार्यालय में पहुंचे। आरोप है कि एसएसपी अभिषेक सिंह ने उनके साथ बात सुने बिना ही गंभीर स्तर पर अभद्रता की और अपमानित किया गया। इसी के विरोध में रालोद नेता पार्टी के दूसरे नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ एसएसपी कार्यालय परिसर में कड़ी धूप के बीच ही धरने पर बैठ गये और नाराजगी जताते हुए एसएसपी पर जनप्रतिनिधियों और सत्ता पक्ष के लोगों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने पर नाराजगी जताई।

रालोद के प्रदेश महामंत्री संगठन अजीत राठी और पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय राठी एडवोकेट मन्सूरपुर थाने के एक मामले में पीड़ित के पक्ष में अपनी बात लेकर बुधवार को पुलिस कार्यालय पहुंचे। यहां पर उन्होंने एसएसपी अभिषेक सिंह से उनके कार्यालय में मुलाकात की और परिचय देने के बाद पीड़ित के लिए न्याय मांगा। आरोप है कि इसी दौरान एसएसपी ने रालोद के दोनों वरिष्ठ नेताओं के साथ अभद्रता शुरू कर दी। कहा गया कि पीड़ित को वो अपने साथ क्यों नहीं लेकर आये। वो बिना पीड़ित के कोई भी बात नहीं सुनेंगे। इसी को लेकर रालोद नेताओं और एसएसपी के बीच तीखी कहासुनी हो गई। एसएसपी पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए रालोद नेताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। इसकी सूचना जिलाध्यक्ष संदीप मलिक और दूसरे कार्यकर्ताओं को दी गई तो कुछ ही देर में सैंकड़ों रालोद कार्यकर्ता एसएसपी कार्यालय पहुंच गये थे।


इसके बाद रालोद नेता अजीत राठी और संजय राठी ने कार्यकर्ताओं के साथ एसएसपी कार्यालय पर धरना शुरू कर दिया और कप्तान पर गंभीर आरोप लगाये। रालोद कार्यकर्ताओं का हंगामा होने के बीच ही एसएसपी ने कई बार उनको बात करने के लिए कार्यालय में बुलाया, लेकिन वो नहीं गये और मान सम्मान की बात कहते हुए धरने पर ही जमे रहे। घंटों तक पुलिस कार्यालय परिसर में हंगामा चलता रहा। रालोद नेताओं ने किसी भी वार्ता के लिए पुलिस कप्तान के कार्यालय में जाने से इंकार कर दिया। बाद में एसपी देहात आदित्य बंसल के हस्तक्षेप के बाद उनके कार्यालय में पुलिस कप्तान अभिषेक सिंह के साथ वार्ता करने को रालोद नेता तैयार हुए। वार्ता में जिला बार संघ के महासचिव सुरेन्द्र मलिक एडवोकेट के साथ ही संजय राठी, अजीत राठी, संदीप मलिक आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे। एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि उन्होंने कोई अभद्रता नहीं की है, केवल गलतफहमी हुई है। रालोद नेताओं ने भी नाराजगी जताई और बाद में एसपी देहात व सुरेन्द्र मलिक एडवोकेट की मध्यस्थता के कारण गिले शिकवे दूर होकर एसएसपी ने रालोद नेताओं ने हाथ मिलकार खेद जताया तथा समझौता हो गया। धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से अजीत राठी, संजय राठी, जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, पूर्व जिला पंचायत सदस्य, हरेन्द्र शर्मा, सुधीर भारतीय, सतीश बालियान सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

अफसर कान खोलकर सुन लें, यह रालोद का जिला है, यहां तानाशाही नहीं चलेगी

मुजफ्फरनगर। रालोद के प्रदेश महासचिव संगठन अजीत सिंह राठी ने धरने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि हम किसी मामले को लेकर पुलिस कप्तान के पास गये थे। हमने अपनी बात सुनानी की तो एसएसपी अचानक ही गुस्से में आ गये। 30 साल मुझे भी राजनीतिक और सामाजिक जीवन में हो गये हैं। संगठन चला रहे हैं। जनता से जुड़े हुए हैं, लेकिन जैसा व्यवहार हमारे साथ एसएसपी ने किया है, वो कभी नहीं हुआ है।

हम किसी के साथ लड़ने के लिए नहीं आये हैं, न ही हम दुर्व्यवहार करने के पक्षधर है, लेकिन यदि एक जनप्रतिनिधि या संगठन के लोगों के साथ एसएसपी स्तर जैसे अधिकारी का इतना निम्न दर्जे का व्यवहार होगा तो उसको बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। हम रूलिंग पार्टी के लोग है, जब हमारे साथ ऐसा व्यवहार है तो आम जनता के लोगों के साथ यहां पर क्या होता होगा, हम अपने कार्यकर्ता के सम्मान के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। सम्मान के लिए हमने धरना शुरू किया है। बड़े अधिकारी को जिम्मेदार होना चाहिए, व्यवहार शालीन होना चाहिए। हर जनप्रतिनिधि को अधिकारी सम्मान दें। वो अपने लिए नहीं जनता के काम के लिए संघर्ष करते हैं। अधिकारी की मनमानी और तानाशाही पूर्ण रवैया यहां पर नहीं चलने दिया जायेगा। अफसर ये कान खोलकर सुन लें और समझ लें कि यह जिला रालोद का है।

भाजपा जिलाध्यक्ष भी एसएसपी कार्यालय पहुंचे, रालोद नेताओं से की बात

मुजफ्फरनगर। रालोद नेताओं के धरने के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी भी पुलिस कार्यालय पहुंचे, उन्होंने रालोद नेताओं से बात की और इसके बाद वो सीधे एसएसपी से उनके कार्यालय में जाकर मिले तथा वार्ता की। इस प्रकरण में उन्होंने कहा कि वो तो किसी मामले में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ही एसएसपी अभिषेक सिंह से मिलने गये थे। वहां रालोद के धरने की जानकारी मिली। उनका कहना है कि किसी भी पक्ष की तरफ से कोई गिला शिकवा, नहीं है कप्तान से हमने भी बात की है, रालोद और भाजपा गठबंधन है। सभी साथ हैं, किसी के मान सम्मान को ठेस नहीं पहुंचंेगी। सुखद और सम्मान के साथ समझौता होगा। एसएसपी ने भी कोई दुर्व्यवहार नहीं किया है। गलतफहमी हो गई थी, उसको सुलझा लिया जायेगा।

पहले भी हो चुका है व्यवहार को लेकर हंगामा

मुजफ्फरनगर। एसएसपी अभिषेक सिंह के व्यवहार को लेकर पहले भी हंगामा हो चुका है। जनवरी में जानसठ रोड पर नई मंडी थाना क्षेत्र में एक शादी समारोह से लौटते हुए ब्राह्मण समाज के युवा नेता बिट्टू शर्मा की हादसे में मौत हो जाने के मामले में सपा के राष्ट्रीय सचिव राकेश शर्मा एसएसपी अभिषेक सिंह से उनके कार्यालय में मिले थे, राकेश शर्मा ने भी उन पर अभद्रता करने का आरोप लगाया था और ब्राह्मण समाज की मीटिंग भी शुरू हो गई थी। इसी बीच शाम को एसएसपी अभिषेक ने उनको अपने कैम्प कार्यालय में बुलाकर खेद जताया और मामला निपट गया था। 

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