मुजफ्फरनगर। करीब दो साल पुराने मामले में शुकतीर्थ में निवास कर रही एक साध्वी की शिकायत पर अब पुलिस ने कार्यवाही की है। इस मामले में साध्वी ने गृहस्थ आश्रम त्यागने के कारण रंजिश में अपने ही माता और पिता पर आश्रम में आकर उसके साथ मारपीट करने के आरोप लगाये थे। साध्वी की शिकायत पर दो साल से पुलिस ने कोई भी कार्यवाही नहीं की और पुलिस की हीलाहवाली से परेशान साध्वी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तब कहीं जाकर सोई पुलिस में हलचल पैदा हुई है। पुलिस ने जानबूझकर चोट पहुंचाने के मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।
थाना भोपा क्षेत्र के शुकतीर्थ के शिवधाम में निवास कर रही साध्वी चिदानन्दमजी ने 20 अप्रैल 2020 को भोपा थाने में सूचना दी थी। इसमें जनपद कानपुर निवासी 32 वर्षीया महिला ने पुलिस को बताया था कि वह गृहस्थ आश्रम को छोड़कर संन्यास ग्रहण का चुकी है और अपने गुरू प्रखर महाराज के सानिध्य में संन्यास आश्रम को स्वीकार करते हुए उनके साथ शिवधाम शुकतीर्थ में रह रही है। गृहस्थ आश्रम को त्यागने के सम्बंध में एक शपथ पत्र उसके द्वारा 19 दिसम्बर 2019 को कानपुर के उप जिलाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत भी किया गया था। उसने अपनी मर्जी से ही गृहस्थ आश्रम को त्यागकर संन्यास लेने का निर्णय लिया और साध्वी बन गयी। शपथ पत्र की प्रति उसने अपने माता पिता जोकि कानपुर आउटर में निवास करते हैं, को भी दे दी थी और मुजफ्फरनगर आकर शिवधाम शुकतीर्थ में रहने लगी। इसके बाद साध्वी के तमाम पहचान पत्र और सरकारी दस्तावेज शिवधाम के पते और नये नाम चिदानन्दमजी पर ही बने हुए हैं। यहां साध्वी गुरू के सानिध्य में साधना, भजन, पूजन और धार्मिक अध्ययन में लीन हो गयी।
साध्वी का आरोप है कि उसके गृहस्थ जीवन को त्यागने के निर्णय से उसके परिजन नाराज हो गये थे। साध्वी ने तहरीर में बताया कि कानपुर नि वासी उकसे पिता नवीन अग्रवाल और माता क्षीमकी अर्चना अग्रवाल साल 2020 में उससे मिलने शिवधाम आश्रम शुकतीर्थ आये और यहीं पर उसके पास आराम से रहने लगे। आरेाप है कि 18 अपै्रल 2020 को अचानक ही उसके माता पिता ने उसको आश्रम छोड़कर कानपुर चलने के लिए कहा, लेकिन जब साध्वी ने माता पिता की इस मांग का विरोध कि या तो वह नाराज हो गये। आरोप है कि माता और पिता ने साध्वी को दबोच लिया तथा मारपीट शुरू कर दी। साध्वी ने इसकी सूचना पुलिस को दी और डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को साध्वी ने लिखित तहरीर उसी समय दे दी, लेकिन कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद साध्वी ने 20 अपै्रल को भोपा थाने पर पहुंचकर भी अपने माता पिता के नाम तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की। दो साल बाद अब पुलिस ने इस मामले ें एफआईआर दर्ज की है। भोपा थाना प्रभारी प्रेमप्रकाश शर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर साध्वी की शिकायत दर्ज की गयी। उन्होंने बताया कि इस मामले में आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) के आरोप में साध्वी के पिता और माता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस कार्यवाही कर रही है।