MUZAFFARNAGAR--त्यागपत्र लेकर विकास भवन पहुंचे छपार प्रधान जुबैर
प्रधान जी ने पूछा-दो साल के कार्यकाल में 730 दिनों में से 400 दिन कोर्ट में हाजिरी, कैसे काम करूं, अफसरों पर लगाया अनावश्यक उत्पीड़न करने का आरोप, कहा-बार बार रिकाउंटिंग का आदेश क्यों टाल रहे अधिकारी;
मुजफ्फरनगर। ग्राम पंचायत छपार से प्रधान पद पर अपने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी से नजदीकी मुकाबले में चुनाव जीते जुबैर आज अपना त्यागपत्र लेकर विकास भवन पहुंचे। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को स्वेच्छा से पद से त्याग पत्र देने की बात तो कही, लेकिन जिले के अफसरों पर उनका दो साल से उत्पीड़न करने के गंभीर आरोप लगाते हुए व्यवस्था पर सवाल भी उठाने का काम किया। जुबैर का कहना है कि उनको प्रधानी के दो साल में 730 दिनों में से 400 दिन कोर्ट में खड़ा होना पड़ा है। ऐसे में वो क्या गांव देखें और क्या परिवार को संभाले। अफसरों के उत्पीड़न से आहत होकर ही वो पद छोड़ना चाहते है, उनके खिलाफ चल रहे वाद में रिकाउंटिंग के आदेश होने के बाद भी अफसर इसको बार बार टालते चले आ रहे हैं।
बता दें कि ग्राम पंचायत छपार में प्रधान पद के चुनाव में दो मई 2021 को हुई मतगणना में जुबैर को निर्वाचित घोषित किया गया था। इसके बाद उनके प्रतिद्वंद्वी तथा दूसरे नम्बर पर रहे प्रत्याशी मनोज त्यागी ने मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ रिट पिटीशन डाल दी थी। मनोज ने दावा किया था कि उनको चुनाव में 1867 वोट मिले हैं, जबकि गिनती में केवल 1861 दिखाए गए हैं। दो साल चली इस लड़ाई में एसडीएम सदर परमानंद झा की कोर्ट ने दोबारा मतगणना कराये जाने का आदेश पारित कर दिया था। 25 मई को पुनः मतगणना कराये जाने के आदेश दिये थे, इसके लिए डीएम ने 14 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के साथ ही वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिये थे, लेकिन बाद में यह स्थगित कर दिया गया।
सोमवार को छपार प्रधान जुबैर अपने समर्थकों के साथ विकास भवन स्थित जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय पर पहुंचा और अपना इस्तीफा देने की बात कही। मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान प्रधान जुबैर ने जिले के अफसरों पर दो साल से उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। जुबैर ने कहा कि वो स्वेच्छा से पद से इस्तीफा देने के लिए आये हैं, क्योंकि इसके लिए अधिकारियों ने उनको मजबूर कर दिया है। उन्होंने बताया कि वो दो मई 2021 को प्रधान निर्वाचित हुए, 61 वोटों के अंतर से मैं चुनाव जीता था। उस समय अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कराते हुए काउंटिंग कराई गई थी और परिणाम घोषित कर उनको प्रमाण पत्र दिया गया था। इसके बाद मनोज त्यागी ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी। उनका कहना है कि इसमें कई बार दोबारा गिनती के आदेश हुए और व्यवस्था बनाई गई, लेकिन मतों की दोबारा गिनती अफसरों के द्वारा नहीं कराई जा रही है। बहाने बनाकर इसको टाला जा रहा है। जुबैर ने कहा कि दो साल में 730 दिन होते हैं, इनमें से 400 दिन वो एसडीएम सदर कोर्ट में खड़े रहे हैं। इसका साक्ष्य वहां पर मेरी फाइल है, जिस पर मेरी हाजिरी के हस्ताक्षर मौजूद हैं। दो साल में इतने दिन कोर्ट में दे दिये तो ऐसे में गांव में क्या काम करा पाया हूंगा, ये पता चल सकता है। परिवार को भी समय नहीं दे पा रहा हूं। एसडीएम कोर्ट की हाजिरी के कारण मैं न तो गांव के विकास कार्यों को देख पा रहा हूं और न ही परिवार की जिम्मेदारी उठा पा रहा हूं। बस गांव से जिला मुखयालय और कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर हो गया हूं। ऐसे में मुझे अब ये पद नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे में मैं अधिकारियों के उत्पीड़न से तंग आकर जिला पंचायत राज अधिकारी को आज यहां पर अपना त्यागपत्र देने के लिए आया हूं।
बीस जुलाई को एसडीएम सदर न्यायालय में होगी रिकाउंटिंग
उधर एसडीएम सदर परमानंद झा ने सोमवार को प्रधान जुबैर के द्वारा इस्तीफे दिए जाने की पेशकश और आरोपों के बीच ही छपार ग्राम प्रधान पद के लिए हुए मतदान की पुनःमतगणना का नया आॅर्डर जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि मनोज त्यागी की याचिका पर दिये गये फैसले के अनुसार अब 20 जुलाई को प्रातः 10 बजे सदर तहसील स्थित उनके न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में पुनःमतगणना कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि पुनःमतगणना के लिए उनके न्यायालय के द्वारा 18 मई को दिये गये आदेश के खिलाफ प्रधान जुबैर पक्ष ने जिला एवं सत्र न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसको 12 जुलाई 2023 को न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया है। ऐसे में 18 मई का आदेश प्रभावी हो जाने पर 20 जुलाई को पुनःमतगणना कराई जायेगी। इसमें जिलाधिकारी द्वारा लगाये गये सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सील्ड बाॅक्स और वीडियोग्राफर के साथ उपस्थित रहने का निर्देश दिये गये है।