पालिका में फर्जीवाडा-टीएस को ईओ ने भेजा नोटिस, मांगा जवाब
फर्जी किरायेदारी सर्टिफिकेट के लिए आरआई ने कर दिया था इंकार, कर्मचारियों ने मिलकर किया खेल;
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के टैक्स विभाग में फर्जी किरायेदारी सर्टिफिकेट के प्रकरण में जांच शुरू करा दी गई है। इस मामले में पालिका ईओ ने सर्टिफिकेट जारी करने वाली कार्यवाहक टीएस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसमें साफ तौर पर पूछा गया है कि प्रकरण में बिना नियमों के सर्टिफिकेट कैसे जारी हुआ और इसमें किसकी कितनी संलिप्तता है। इससे पालिका में नई हलचल मची हुई है। वहीं प्रारम्भिक जांच में यह बात सामने आई है कि राजस्व निरीक्षक ने यह सटिफिकेट जारी करने के लिए आवेदन पर रिपोर्ट लगाने से इंकार कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी एक लिपिक और कुछ कर्मचारियों ने आपसी मिलीभगत करते हुए आरआई को बाईपास कर ये फर्जीवाडा किया।
नगरपालिका परिषद् के टैक्स विभाग में गृहकर और जलकर की वार्षिक वसूलयाबी के लिए अचल संपत्ति 1073 मौहल्ला खालापार बैराईया पत्नी मौहम्मद हबीब और मेहराज बानो पत्नी मौहम्मद इनाम के नाम पंजीकृत है। इस अचल संपत्ति के लिए पालिका के टैक्स विभाग से एक फर्जी किरायेदारी सर्टिफिकेट जारी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसमें कार्यवाहक टीएस पारूल यादव, विभागीय चर्चित लिपिक प्रवीण कुमार, लाइसेंस पटल पर कार्यरत बीसी सोनू मित्तल और एक आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटर राज के साथ ही हल्के के राजस्व निरीक्षक अमित कुमार की आपसी मिलीभगत की बात सामने आई है। हालांकि जांच के बाद ही दोष साबित हो पायेगा। इस फर्जीवाड़े के लिए नियमों को ताक पर रखा गया और फर्जी रिपोर्ट बनाकर मोटी सुविधा के आधार पर किरायेदारी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया, जिससे संपत्ति पर काबिज रहने का विवाद शुरू हो गया। सूत्रों के अनुसार मामला तब खुला जबकि 4 अगस्त को महराज बानो ने पालिका पहुंचकर टैक्स विभाग में अपनी संपत्ति 1073 पर व्यवसायिक श्रेणी के गृहकर-जलकर को घरेलू श्रेणी में करवाने और उसमें चल रहा स्कूल काफी समय से बंद होने के लिए आवेदन दिया। इसकी जांच में ही यह सामने आया कि इस अचल संपत्ति पर किरायेदारी सर्टिफिकेट पालिका के टैक्स विभाग ने जारी किया है। इसके बाद संपत्ति स्वामियों ने पालिका पहुंचकर हंगामा किया तो बड़ी गड़बड़ी सामने आई।
प्रकरण सामने आने पर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने जांच शुरू करा दी है। प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि टैक्स विभाग से कार्यवाहक कर अधीक्षक पारूल यादव के द्वारा किरायेदारी प्रमाण पत्र संख्या 716/2023-24 गौहर अली पुत्र अनवर हुसैन को पंजीकृत संपत्ति 1073 के लिए जारी किया गया है। इसमें संपत्ति की करदाता बैराईया और महराज बानो के नाम दर्ज हैं, जबकि इसी संपत्ति में जामिया इंटरनेशनल अकेडमी के लिए गौहर अली को तीन हजार रुपये मासिक का किरायेदार दर्शाया गया है। जबकि गौहर अली बकरा मार्किट के निवासी बताये गये हैं। जांच में यह बात भी सामने आई है कि राजस्व निरीक्षक अमित कुमार ने इस किरायेदारी सर्टिफिकेट के लिए अपनी रिपोर्ट आवेदन पर लगाने से साफ इंकार कर दिया था, क्योंकि यह नियम के खिलाफ था। राजस्व निरीक्षक ने अपने बयान में बताया कि उनको बाईपास कर एक साजिश के तहत यह सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। इसमें लिपिक प्रवीण कुमार, बीसी सोनू मित्तल और आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटर राज की पूरी मिलीभगत की बात कही जा रही है। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि प्रकरण गंभीर है। इसमें एक लिपिक और कुछ कर्मचारियों के नाम सामने आये हैं। जांच कराई जा रही है, कार्यवाहक कर अधीक्षक पारूल यादव को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा गया है।
फर्जीवाडे की सेटिंग में एक सभासद भी शामिल, ईओ पर बनाया जांच न करने का दबाव
मुजफ्फरनगर पालिका में चल रहे फर्जीवाडे में कर्मचारियों को शह देने में सभासद भी शामिल नजर आ रहे हैं। पहले कर अधीक्षक नरेश शिवालिया के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए एक चाय वाले के खिलाफ जुर्माना नोटिस कोर्ट में भेज दिये गये। इसमें भी लाइसेंस पटल पर कार्यरत बीसी सोनू मित्तल जांच में दोषी साबित हुए, लेकिन कर्मचारी को बचाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के एक सजातीय सभासद ने कार्यवाही को रोकने के लिए भरपूर ताकत लगाई और कर्मचारी को बचा लिया गया। अब फर्जी किरायेदारी सर्टिफिकेट में यही सभासद सोनू को बचाने के लिए पूरी तरह से जुट गये। पालिका पहंुचकर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने जांच को दबाने और कार्यवाही नहीं करने का दबाव बनाया गया। वहीं पालिका में ये भी चर्चा है कि इस मामले में भी पूर्व के मामलों की तरह ही कुछ नहीं होगा, क्योंकि सेटिंग का पैसा सभासद को भी दिया जा रहा है। कमाओ और बराबर बांटकर खाओ के सि(ांत पर सभासद रामराज्य का गुणगान करते हुए गलत कार्यों में पूरा फीलगुड कर रहे हैं। वहीं संपत्ति मालिक महराज बानो के पुत्र मौहम्मद मियां से बातचीत की गई तो उसने बताया कि इस फर्जीवाडे में उन्होंने जांच की मांग की है, कार्यवाही नहीं गई तो वो परिवार के साथ डीएम कार्यालय पर धरना देंगे।