बुढ़ाना में एसडीएम ने किया महिला-बाल कांवड़ियों का अभिनंदन
श्रद्धा, सेवा और सुरक्षा का अद्भुत संगम बनाने में जुटे पुलिस व प्रशासनिक अफसर, मिला समाज का भी सहयोग;
मुजफ्फरनगर। श्रावण मास के पावन अवसर पर महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष में आयोजित कांवड़ यात्रा का आयोजन नगर में अद्भुत श्रद्धा, सुरक्षा और सेवा के वातावरण में संपन्न हुआ। इस दौरान बाल कांवड़ियों एवं महिला कांवड़ियों का विशेष सम्मान किया गया।
बुढाना स्थित चरण सिंह तिराहा के निकट बने पुलिस स्वागत एवं सहायता केंद्र पर शिवभक्तों का भव्य स्वागत किया गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शिवभक्तों पर पुष्प वर्षा की गई और उन्हें ताजगी देने हेतु फल व जल वितरण भी किया गया। इस कार्यक्रम में आर्य कन्या इंटर कॉलेज के डॉ. राजीव कुमार, प्रधानाचार्या श्रीमती प्रमेश, विद्यालय की शिक्षिकाएं और गाइड्स भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने बाल एवं महिला कांवड़ियों को अंगवस्त्र भेंटकर उनका हौसला बढ़ाया एवं शिवभक्ति के इस पवित्र कार्य में भागीदार बनने के लिए प्रेरित किया।
इस पावन अवसर पर संपूर्ण यात्रा को सकुशल, सुरक्षित एवं व्यवस्थित रूप से पूर्ण कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किए गए। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में स्थानीय प्रशासन ने पूरी तरह से निगरानी रखी। स्वागत कार्यक्रम की अगुवाई उपजिलाधिकारी श्रीमती मोनालिसा जौहरी, पुलिस उपाधीक्षक गजेन्द्र पाल सिंह, तहसीलदार महेन्द्र यादव, नायब तहसीलदार अमन कुमार एवं रोहित कुमार, महिला थानाध्यक्ष श्रीमती सुमन शर्मा, एवं उप निरीक्षक योगेश कुमार ने की। इन सभी अधिकारियों ने स्वयं उपस्थित रहकर शिवभक्तों का स्वागत किया और उनकी सुविधा का पूरा ध्यान रखा।
इस वर्ष कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में बालक और महिलाएं सम्मिलित हुईं। प्रशासन की ओर से इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सम्मान हेतु विशेष प्रबंध किए गए। अलग से सहायता केंद्र, प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था और पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की गई। शिवभक्तों के चेहरों पर उमंग, श्रद्धा और आत्मविश्वास स्पष्ट दिखा। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों व विद्यालयों की सहभागिता से यह आयोजन एक सामाजिक सौहार्द का उदाहरण बनकर उभरा। यह आयोजन यह सिद्ध करता है कि जब प्रशासन, समाज और श्रद्धालु एकसाथ मिलकर धार्मिक आयोजनों को उत्सव का स्वरूप देते हैं, तो वह ना केवल अनुशासन और सुरक्षा के साथ संपन्न होता है, बल्कि जनसेवा और संस्कारों का भी संदेश देता है।