एक हजार साल तक राम मंदिर की नींव रहेगी मजबूत

मंदिर निर्माण के पांच एकड़ क्षेत्र की नींव की मजबूती को उच्च तकनीक से बनाने के लिए आईआईटी चेन्नई और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रूड़की के इंजिनियरिग टीमें टेस्टिंग कर रही हैं।

Update: 2020-09-08 06:23 GMT

अयोध्या। राम मंदिर के निर्माण को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। मंदिर निर्माण के पांच एकड़ क्षेत्र की नींव की मजबूती को उच्च तकनीक से बनाने के लिए आईआईटी चेन्नई और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रूड़की के इंजिनियरिग टीमें टेस्टिंग कर रही हैं। इसका उद्देश्य यह है कि मंदिर को एक हजार साल तक कोई खतरा ना हो।

अयोध्यण में राम मंदिर की मजबूती के लिए उसकी नींव पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक नींव की मजबूती को लेकर हर तरह से तकनीकी और वैज्ञानिक परीक्षण के अलावा इसके पिलर नदियों के पुल जैसी हाई तकनीक से खड़े किए जाएंगे। इसमें लोहे का प्रयोग न करके मजबूत कंक्रीट मसाले का प्रयोग किया जाएगा। पूरी जांच के बाद ही मंदिर की नींव की खुदाई का काम शुरू होगा। पिलर को तैयार करने में विशिष्ट तरह की मजबूत गिट्टी, बेतवा नदी के मोरंग और बेहद मजबूत सीमेंट के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं।

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