सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट पहुंचे बालाजी मंदिर कमेटी के लोग, नहीं कराई जमानत

मंदिर पर काबिज होने और शोभायात्रा निकालने को लेकर हुए विवाद में सिटी मजिस्ट्रेट ने 35 लोगों को किया है मुचलका पाबंद; दोनों पक्षों के लोगों ने किया दावा-कमेटी में अब विवाद नहीं, सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय में दे दिया है लिखित समझौता

Update: 2024-05-07 12:54 GMT

मुजफ्फरनगर। श्री बालाजी धाम मंदिर भरतिया कालोनी की प्रबंध कमेटी में चले विवाद के कारण दोनों गुटों के 35 लोगों के बीच बनी खींचतान अब समाप्त हो चुकी है। दोनों ही गुट अब एक दूसरे के साथ खड़े नजर आ रहे है, यही कारण है कि विवाद के कारण मुचलका पाबंदी की फजीहज झेलने वाले पदाधिकारियों ने मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होने के बाद अपनी हाजिरी दर्ज कराई और समझौता होने की बात कहकर मुचलका पाबंदी की कार्यवाही को शिथिल करने का आग्रह किया। इसके साथ ही दोनों ही गुटों के पदाधिकारियों की ओर से एक समझौता पत्र भी सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल किया गया है, जिसमें कमेटी में भविष्य में कोई भी तकरार नहीं होने की बात कही गई है। वहीं सिटी मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट किया है कि नोटिस के आधार पर मुचलका पाबंदी की कार्यवाही किसी समझौता से शिथिल नहीं होगी। वो प्रचलित रहेगी।

उत्तर भारत में अपनी शोभायात्रा के लिए मशहूर श्री बालाजी धाम मंदिर भरतिया कालोनी की प्रबंध समिति के बीच उत्पन्न विवाद के कारण मामला कोर्ट तक पहुंचा है। श्री बालाजी जन्मोत्सव शोभायात्रा के आयोजन को लेकर मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों के दो पक्षों के बीच हुए विवाद को लेकर पुलिस ने मुचलका पाबंद की कार्रवाई की है। पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने दोनों पक्ष के 35 लोगों को 25 अपै्रल को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 111 के अन्तर्गत नोटिस जारी किए हैं। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्पय ने मंदिर कमेटी के दोनों गुटों के लोगों के लिए दो मुकदमे सरकार बनाम जयप्रकाश गोयल और सरकार बनाम चन्द्रकिरण गर्ग दायर किये हैं। इन मुकदमों में आरोपी बनाये गये सभी 35 लोगों को सिटी मजिस्ट्रेट ने 7 मई यानि मंगलवार को अपने न्यायालय में तलब किया है। जारी किए गए नोटिस में कहा गया कि दोनों पक्ष के लोगों को 50-50 लाख रुपये का मुचलका पाबंद कर दिया जाए और दो-दो जमानती दाखिल करने की कार्रवाई की जाए। दरअसल, पिछले दिनों हनुमान जयंती के अवसर पर श्री बालाजी धाम मंदिर भरतिया कालोनी से नगर में श्री बालाजी शोभायात्रा को निकालने को लेकर मंदिर कमेटी प्रबंध समिति के संरक्षक और पदाधिकारियों के बीच आपसी विवाद उत्पन्न हो गया था। इसको लेकर जमकर तनातनी चली और शोभायात्रा से पूर्व एसपी सिटी तथा एडीएम प्रशासन द्वारा नई मंडी थाने में दोनों पक्षों के लोगों की पेशी कराकर मीटिंग कराई गई थी, जिसमें शोभायात्रा निकालने को लेकर सहमति बनी थी। इसके बाद नई मंडी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बबलू सिंह वर्मा की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर कमेटी के विवाद को लेकर भविष्य में भी अशांति उत्पन्न होने की आशंका के चलते सिटी मजिस्ट्रेट ने नई मंडी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बबलू सिंह वर्मा की रिपोर्ट के आधार पर दायर वाद संख्या 987/24 सरकार बनाम चन्द्रकिरण गर्ग में 21 और वार्ड संख्या 988/24 सरकार बनाम जयप्रकाश गोयल में 14 लोगों को मुचलका पाबंद किया। मंगलवार को इन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने और जमानत दाखिल करने के लिए कहा गया था।

मंगलवार को मुचलका पाबंद किये गये श्री बालाजी धाम मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों में से कुछ लोग ही पेश हुए। इनमें कुलदीप कुमार और अश्वनी कुमार आदि शामिल है। हरशिंकर तायल और सुरेश बंसल के द्वारा बताया गया कि उनका मामला निपट गया है और अब कमेटी में कोई भी विवाद नहीं है। समझौता दाखिल करा दिया गया है। हरिशंकर तायल ने कहा कि एक समझौता पत्र सिटी मजिस्ट्रेट में दिया गया है। कुलदीप कुमार ने बताया कि उनको कमेटी के पदाधिकारियों से निर्देश मिले थे कि समझौता हो चुका है, समझौता पत्र पर सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में जाकर हस्ताक्षर करने है, वो वहां जाकर साइन करके आ गये थे। उनका कहना है कि समझौता हो चुका है तो ऐसे में जमानत कराने या मुचलका भरने की स्थिति ही नहीं बनती है। समझौता पत्र लिखवाकर दे दिया गया है।

वहीं सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने बताया कि नोटिस समझौता होने या न होने के लिए नहीं दिया गया था। इसमें जिन लोगों को पाबंद किया गया है, उनको जमानत करानी होगी। समझौता होने से विधिक कार्यवाही शिथिल नहीं होगी। जो नोटिस जारी हुए हैं, उनमें मुचलका पाबंद किया गया है, वो कार्यवाही बंद नहीं होगी। जमानत नहीं करायेंगे तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित रहेगी। उसके अनुसार ही उनको पेशी देनी होगी और दो दो जमानती देने पर ही उसको जमानत मिल पायेगी।

किसी ने दे दी अपनी आईडी, किसी ने कोर्ट जाकर किये साइन

मुजफ्फरनगर। श्री बालाजी धाम मंदिर कमेटी भरतिया कालोनी की प्रबंध समिति के आपसी विवाद में सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप के द्वारा 35 लोगों को मुचलका पाबंद करने के मामले में मंगलवार को उनके न्यायालय में आरोपियों की पेशी होती रही। उनका कहना है कि अभी उनको नहीं पता कि कितने लोग पेश हुए हैं। इसमें मुचलका पाबंदी में कोर्ट में पेशी दर्शाने के लिए किसी आरोपी ने तो अपनी आईडी दे दी और किसी ने कोर्ट में जाकर साइन किये। वाद संख्या 988/24 सरकार बनाम जयप्रकाश गोयल में आरोपी बनाये गये रजत गोयल पुत्र संजय गोयल निवासी अंसारी रोड ने बताया कि वो बाहर हैं, इसलिए उन्होंने कोर्ट में पेशी के लिए अपनी आईडी दूसरे लोगों को उपलब्ध करा दी थी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष एकजुट होने के लिए सहमत हैं तो फिर कोई भी कार्यवाही चलनी ही नहीं है। विवाद की स्थिति अब नहीं है। कमेटी में कोई मारकाट नहीं मच रही है। सभी लोग अब चुनाव कराने की तैयारी में है। मैं अपना आधार कार्ड देकर आ गया था। मुझे नहीं पता जमानत हुई या समझौता दाखिल हुआ है। जो भी होगा सही होगा। ये भगवान की सेवा का काम है। उनके आशीर्वाद से किसी का अहित नहीं होने वाला है।

मुचलकों से बचने के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ा

मुजफ्फरनगर। श्री बालाजी धाम मंदिर कमेटी भरतिया कालोनी के पदाधिकारियों के खिलाफ सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट से की गई मुचलका पाबंदी की कार्यवाही ने दोनों गुटों को एक करने का काम भी किया है। इस मामले में 35 लोगों के खिलाफ 50-50 लाख रुपये के मुचलका नोटिस जारी किये गये थे और उनको जमानत कराने के लिए 7 मई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था। 25 अपै्रल को ये नोटिस जारी हुए तो हड़कम्प मच गया। सूत्रों के अनुसार मंदिर कमेटी के दोनों गुटों के लोगों ने एक राय होकर इन मुचलकों की कार्यवाही रुकवाने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी और इसी आधार पर कमेटी के सभी 35 आरोपियों ने सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में समझौता पत्र दाखिल किया अपनी जमानतें नहीं कराई। मंदिर कमेटी के संरक्षक और वाद संख्या 987/24 सरकार बनाम चन्द्रकिरण गर्ग आदि में दूसरे नम्बर के आरोपी सुरेश बंसल ने इस सम्बंध में इतना तो कहा कि हम हाईकोर्ट गये थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। वहीं सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को कहना है कि उनको हाईकोर्ट से कोई आदेश या दिशा निर्देश उपलब्ध नहीं कराया गया है। कोई आदेश आयेगा तो उसके अनुपालन में ही कार्यवाही की जायेगी। 

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