परिचित बनकर बताई बीमारी की समस्या, 35 हजार रुपये की कर ली ठगी

व्हाटसएप पर परिचित की फोटो लगाकर हाॅस्पिटल में भर्ती होने की मजबूरी में मांग थे रुपये; साइबर फ्राड होने की जानकारी मिलने पर पीड़ित ने अज्ञात ठग के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

Update: 2024-05-07 13:01 GMT

मुजफ्फरनगर। मोबाइल फोन पर परिचित या रिश्तेदार तथा दोस्त बनकर इमरजेंसी में होने का बहाना कई लोगों को ठगने का रास्ता बन चुका है। कई बार पुलिस और अन्य स्रोतों से लोगों को जागरुक किये जाने के बावजूद भी लोग मानवीय भावनाओं में बहकर ऐसे ठगों का शिकार बन रहे हैं। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है। व्हाटसएप पर किसी परिचित की आईडी बनाकर हाॅस्पिटल में भर्ती होने और गंभीर बीमारी के उपचार के लिए पैसों की जरूरत दर्शाकर एक व्यक्ति से 35 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। बाद में जब पीड़ित को इस साइबर फ्राॅड की जानकारी मिली तो उसने अज्ञात ठग के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।

थाना सिविल लाइन क्षेत्र के साउथ सिविल लाइन महावीर चौक निवासी रमन कपूर ने थाने में तहरीर देकर पुलिस को बताया कि 03 मई की रात्रि में उसके व्हाटसएप पर एक मैसेज आया। इस नम्बर की डीपी पर उसके परिचित का फोटो लगा हुआ था। मैसेज में उसने इमरजेंसी बताते हुए कहा कि वो हाॅस्पिटल में है और बीमारी के उपचार के लिए उसको पैसों की आवश्यकता है। तुरंत कुछ पैसे ट्रांसफर कर दो। रमन कूपर ने व्हाटसएप वाले नम्बर पर काॅल की तो रिसीव नहीं हुई, बल्कि दूसरा मैसेज आया कि काॅल उठाने का समय नहीं है, वो बात में बात करेगा अभी फिलहाल कुछ पैसे भेज दो। रमन कूपर ने पुलिस को बताया कि उसने परिचित की फोटो होने के कारण ज्यादा पूछताछ करना मुनासिब नहीं समझा और अपने बैंक अकाउंट से उसकी बताई आईडी पर 35 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिया। रमन ने बताया कि बाद में उसको साइबर फ्राॅड होने का अहसास हुआ और उसने अगले दिन व्हाटसएप नम्बर पर फोन किया तो फोन नहीं मिला और न ही रिसीव हो पाया। रमन कूपर की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात साइबर ठग के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 406 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है।

दूसरी ओर पिज्जा की दुकान से वेटर को मोबाइल चोरी करते हुए एक युवक को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया है। थाना सिविल लाइन क्षेत्र में रामपुरी गेट के सामने रुड़की रोड पर स्थित पिज्जारडो रेस्टोरेंट में वेटर का कार्य करने वाले आलोक पुत्र दिलावर निवासी जनकपुरी ने मुकदमा दर्ज कराया है। आलोक ने बताया कि वो 06 मई को रेस्टोरेंट में ही कार्य कर रहा था। इसी बीच उसने अपना मोबाइल फोन चार्ज होने के लिए लगा रखा था। यहां पर शाम के समय आकाश पुत्र महेन्द्र निवासी जनकपुरी आया और उसने चोरी की नीयत से उसका मोबाइल फोन चार्जिंग से हटाकर अपनी जेब में रख लिया। जब आलोक ने अपने मोबाइल फोन की और नजर मारी तो वहां फोन गायब था। शक होने पर आलोक और रेस्टोरेंट मालिक ने आकाश को वहीं पर पकड़ लिया। तलाशी ली तो मोबाइल फोन उसकी जेब से बरामद हो गया। इसके बाद आलोक और दुकान मालिक आरोपी आकाश को थाने ले गये और वहां पर उसको पुलिस को सौंप दिया। आलोक की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी आकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया और उसका चालान कर जेल भेज दिया गया। 

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