एमबीबीएस छात्रा कृतिका की मौत के मामले में हत्या जैसा कुछ नहीं!

पोस्टमार्टम रिपोर्ट को पुलिस ने जांच में बनाया मुख्य आधार, डाॅक्टरों ने औरेया की छात्रा की मौत का मुख्य कारण शाॅक एंड हेमरेज को ही बताया

Update: 2024-05-06 12:16 GMT

मुजफ्फरनगर। सभी को हिलाकर रख देने वाली एमबीबीएस छात्रा कृतिका की मौत के प्रकरण में हत्या या हादसा को लेकर बना सस्पेंस अब साफ होने लगा है। पुलिस की जांच में अभी तक कृतिका के परिजनों के द्वारा लगाये गये आरोपों जैसा कोई भी तथ्य सामने नहीं आया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सको से पूछताछ के बाद पुलिस इसी नतीजे पर पहुंच रही है कि कृतिका की मौत हत्या के बजाये हादसा ही थी।

पुलिस ने इस दावा के लिए मुख्य कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के तथ्यों को ही बनाया है। ये पहले ही दिन साफ हो गया था कि कृतिका की मौत गंभीर चोटों के कारण हुई हैं और आज भी पुलिस इसी बात पर कायम है। कृतिका के शरीर की शायद ही कोई हड्डी ऐसी बची हो, जिसमें फ्रैक्चर नहीं था। उसकी पसलियां टूटकर एक दूसरे को पार करते हुए शरीर के विभिन्न अंगों में जा घुसी थी। गर्दन की हड्डी टूटी थी और शव रेलवे ट्रैक से 20 फीट नीचे मिला था। पुलिस की इस जांच को अंतिम रूप देना अभी बाकी है, लेकिन इस जांच के कारण कृतिका के परिजनो के द्वारा हत्यारोपी बनाये गये उसके सहपाठी छात्र कुणाल और उसके परिजनों की उम्मीद को बढ़ा दिया है।

पुलिस ने छात्र कुणाल और कृतिका के मोबाइल फोन की काॅल डिटेल भी निकलवाई है, उसमें भी हत्या जैसा कोई लिंक नहीं मिलने की बात कही जा रही है। मुजफ्फरनगर मेडिकल काॅलेज मे एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा कृतिका की 25 अप्रैल की रात मन्सूरपुर थाना क्षेत्र में काॅलेज के गर्ल्स हाॅस्टल के पीछे से गुजर रही डेडिकेटिड फ्रेट काॅरीडोर रेलवे लाइन पर बरामद किया गया था। कृतिका मूल रूप से जनपद औरेया की रहने वाली थी और यहां काॅलेज के गर्ल्स हाॅस्टल में रहकर शिक्षा हासिल कर रही थी। उसके पिता राहुल चौहान काॅलेज में प्रवक्ता हैं। वो अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी। कृतिका की मौत के बाद 26 अप्रैल को यहां पहुंचे पिता ने उसके सहपाठी दोस्त कृणाल पर हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया था।

इसके बाद ही यह सनसनीखेज घटना हत्या और हादसे में उलझती चली गई। हालांकि पुलिस ने पहले ही दिन से साफ कर दिया था कि इसमें हत्या की गुंजाइश कम है, लेकिन परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने कुणाल को जेल भेजने के साथ ही जांच शुरू कर दी थी। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि घटना वाले दिन छात्रा कृतिका शाम 6.30 बजे कालेज की लाइब्रेरी में थी। वहां से मम्मी-पापा को वीडियो काल की थी। पुलिस ने इस मामले को हत्या के दृष्टिकोण से भी देखा और घटना वाले दिन कुणाल सैनी द्वारा पहने गये कपड़ों को भी जब्त करते हुए उनकी फोरेंसिंक जांच कराई। पुलिस ने आरोपी के नाखूनों के भी सैम्पल लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेजे, ताकि यह पता चल सके कि हत्या से पहले दोनों के बीच कोई झगड़ा हुआ होगा तो कृतिका के स्किन का कुछ भाग मिल जायेगा। इसके साथ ही पुलिस ने कुणाल और कृतिका के बीच सम्बंध की जानकारी जुटाने के लिए तीन महीने की काॅल डिटेल निकलवाई।

इससे यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि दोनों के बीच रिलेशन कैसा था। इसके साथ ही काॅलेज के गल्र्स हाॅस्टल से लेकर घटना स्थल तक लगे सभी सीसीटीवी फुटेज को भी कब्जे में लेकर पड़ताल की गई। इसमें एक फुटेज में कृतिका और कुणाल साथ जाते हुए मिले हैं, लेकिन वापस लौटने का कोई फुटेज नहीं है। पुलिस का कहना है कि घटना स्थल के पास सर्जिकल ग्लब्स मिले हैं, उनको भी जांच का हिस्सा बनाया गया है। इन पर कुणाल के फिंगर प्रिंट की जांच कराई गई है। जिस समय ये घटना हुई है उस दौरान जो भी टन्न्ेन गुजरी है उसके लोको पायलट से भी पूछताछ करने के लिए पुलिस टीमों ने प्रयास किया है। इसके साथ ही पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को घटना में मुख्य कारण मानकर भी जांच की है। इसमें जो कुछ भी सामने आया है, उसने इस घटना के लिए हादसे की ओर ही इशारा किया है। इसके साथ ही अभी तक भी पुलिस द्वारा कृतिका मौत प्रकरण में हत्या या हादसा को लेकर सटीक तथ्यों के साथ स्पष्ट तस्वीर साफ नहीं करने पर दोनों ही परिवारों में रोष है।

इस प्रकरण में कृृतिका का परिवार तो सामने आया और एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन आरोपी छात्र कृणाल का परिवार खुलकर अभी तक भी सामने नहीं आ पाया है। कुणाल की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट केपी सैनी ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस सही तथ्य सामने नहीं ला पा रही है। पुलिस ने भले ही कुणाल को हत्या की धारा-302 में जेल भेज दिया है, लेकिन इस पर कुछ सवाल खड़े हो रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस अभी तक घटना में इस्तेमाल किसी प्रकार के हथियार, फिंगर प्रिंट या कोई और साक्ष्य सामने नहीं ला पाई है। जो कुणाल को सीधे हत्यारोपी साबित कर रहे हों। पुलिस अभी तक मर्डर का मोटिव नहीं बता पाई है। कृतिका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी भारी चीज से गले की हड्डी टूटना और उसके बाद सोल्डर से नीचे तक पार्ट में कई जगह हेयरलाइन फ्रैक्चर आए हैं। किसी भी व्यक्ति की गर्दन दबाने से इतनी फोर्स से गले की हड्डी नहीं टूट सकती और अन्य फ्रैक्चर का तो सवाल ही नहीं उठता। कृतिका घिसटते हुए नीचे गई है, जिससे स्क्रैच बाडी पर दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में यह मामला एक्सीडेंटल ज्यादा लगा रहा है। वहीं कृतिका के पिता राहुल चैहान और घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले रिश्ते के जीजा प्रोफेसर आरएस सेंगर का कहना है कि पुलिस हमारी बेटी के हत्या के मामले को हादसे का रूप देने की कोशिश कर रही है। पुलिस के ऊपर कुछ दबाव है। वह लड़का मुजफ्फरनगर का ही रहने वाला है इसलिए पुलिस अभी तक हत्या कारण स्पष्ट नहीं कर रही है।

हास्टल के बच्चों और कालेज प्रशासन का कहना है कि कृतिका-कुणाल बहुत अच्छे दोस्त थे। ऐसे में कोई दोस्त अपनी दोस्त को मरते हुए कैसे छोड़ सकता है। मन्सूरपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार सिंह का कहना है कि जांच अभी जारी है। मामले में हत्या जैसा कोई मोटिव या साक्ष्य अभी पुख्ता तौर पर सामने नहीं आया है। हादसा और हत्या के सभी पहलुओं को सामने रखते हुए जांच पड़ताल की जा रही है। जल्द ही इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जायेगी।

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