अफसरों के रवैये से खफा किसान सीएम संग मनायेंगे किसान दिवस

कलेक्ट्रेट पहुंचे भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 22 जुलाई को ट्रैक्टरों संग शुकतीर्थ कूच करेंगे किसान; सभाकक्ष की बत्ती गुल होने से बिफरे राकेश टिकैत ने जिला पंचायत की बिजली भी काटी; नगर मजिस्ट्रेट ने किसान नेताओं को समझाने का किया प्रयास, किसान दिवस में टिकैत दिखे खासे नाराज, अफसरों को सुनाई खरी-खोटी;

Update: 2023-07-19 10:44 GMT

मुजफ्फरनगर। किसानों की समस्याओं का एक ही मंच पर समाधान कराने के लिए करीब दो दशक से आयोजित होते आ रहे किसान दिवस के आयोजन को लेकर बुधवार को बखेड़ा खड़ा हो गया है। कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत सभागार में आयोजित किसान दिवस में डीएम सहित जिले के दूसरे आला अफसरों और विभागीय अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए वहां आये एकाध अफसरों को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि जिला प्रशासन चाहता है कि किसानों की समस्याओं के निदान का ये बड़ा मंच बंद हो जाये। उन्होंने कहा कि किसान अब 22 तारीख को ट्रैक्टर और डीजे लेकर शुकतीर्थ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही किसान दिवस मनाने के लिए जिले भर से कूच करेंगे। जिला प्रशासन के अफसरों पर किसानों की समस्या सुनने के लिए समय ही नहीं है।

जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित किसान दिवस में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत और दूसरे किसान नेता व अन्य किसान पहुंचे थे, लेकिन यहां पर न तो डीएम आये और न ही दूसरे आला अफसर। केवल नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने एकाध विभागीय अफसरों को साथ लेकर किसानों से वार्ता की और उनकी समस्याओं को सुनने का प्रयास किया। किसानों ने बड़े अफसरों को बुलाने की बात रखी। लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी वहां पर कोई अफसर नहीं पहुंचा। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने नगर मजिस्ट्रेट के समक्ष ही किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने के आरोप लगाते हुए कहा कि यदि जिला प्रशासन किसान दिवस को लेकर गंभीर नहीं है तो वो अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष शुकतीर्थ में उठाने के लिए कूच करेंगे।

किसान दिवस के बाद उन्होंने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि आज किसान दिवस है और मुजफ्फरनगर का जिला प्रशासन ये चाह रहा है कि ये किसान दिवस बंद हो जाये। यह पिछले 15-20 साल से चल रहा है। हर जिले में इसकी व्यवस्था चल रही है। आज किसान दिवस नहीं हो रहा है तो कल हो जायेगा। ये लाइट कटवा दें या कोई भी अड़चन डालें लेकिन किसान यहां पर किसान दिवस पर अपनी समस्या को उठाने के लिए आयेगा। अगर अफसरों पर किसानों की बात सुनने के लिए समय नहीं है, तो किसान अपनी बात सुनाने और किसान दिवस मनाने के लिए 22 जुलाई को शुकतीर्थ जायेगा। किसान इसके लिए अपने ट्रैक्टरों को तैयार रखें। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री का घेराव नहीं करेंगे, लेकिन बड़ी संख्या में किसान शुकतीर्थ जायेंगे। वहां पर गंगा की पवित्र जल धारा के बीच मुख्यमंत्री के साथ किसान दिवस मनायेंगे। उन्होंने कहा कि शुकतीर्थ में आ रहे मुख्यमंत्री को अपनी सभा के लिए आदमी चाहिए, हमें अपनी समस्या बताने के लिए सरकार चाहिए, तो इससे बड़ा अवसर नहीं मिलेगा। उन्होंने जिले के किसानों से 22 तारीख को अपने ट्रैक्टर तैयार करने की अपील करते हुए कहा कि किसान अपने ट्रैक्टरों पर डीजे बांधकर लेकर जायेंगे, क्योंकि अब प्रदेश में डीजे पर पाबंदी नहीं है। सरकार ने पूरी छूट दे रखी है। उन्होंने कहा कि हम अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे, क्योंकि जिला प्रशासन किसानों को, उनकी समस्याओं को नजर अंदाज करते हुए किसान दिवस जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को फेल करने पर तुला हुआ है। यह बड़ी साजिश है। यही कारण है कि आज जब वो यहां पहुंचे तो सभाकक्ष की बत्ती गुल थी और जिला पंचायत कार्यालय की बिजली आ रही थी। इसकी जानकारी किसानों ने उन्हें दी तो इस भेदभाव को लेकर ही हमने जिला पंचायत कार्यालय जाकर पूरे कार्यालय की बिजली कटवा दी। इसके बाद किसानों के साथ अन्याय का अहसास हुआ तो पूरे कार्यालय की बिजली आपूर्ति बहाल करा दी गई।

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