‘भाईचारे का रक्षाबंधन’ करेगा दिलों का मेल दूर

अखिलेश यादव ने समझौता होने पर किया ट्वीट, कहा-बच्चे गले मिले, अब शिक्षिका छात्र के पिता को बांधे राखी, गांव खुब्बापुर में मीडिया और नेताओं की दस्तक का शोर थमा, रविवार को गूंजता रहा भाईचारे का शोर, पुलिस ने दी क्लीनचिट-वायरल वीडियो की जांच में नहीं मिला धार्मिक आधार पर उत्पीड़न या टिप्पणी का मामला;

Update: 2023-08-27 12:11 GMT

मुजफ्फरनगर। घर में बिना मान्यता के स्कूल चला रही दिव्यांग प्रिंसीपल तृप्ता त्यागी की एक हरकत के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आये मन्सूरपुर क्षेत्र के गांव खुब्बापुर में शनिवार को जितना शोरगुल और हंगामा था, रविवार की सुबह उतनी ही शांत और सामान्य नजर आई। इस मामले में रविवार को न तो कोई सियासी हंगामा ही दिखाई दिया और न ही गांव में पुलिस या प्रशासन के स्तर से कोई जांच टीम का फेरा हुआ। हालांकि बच्चों के गले मिलकर सौहार्द्र के संदेश की चर्चा जरूर जिले के चैक-चैपालों पर लोगों के बीच सुनाई दी, इसी चर्चा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट ने अब भाईचारे की एक ओर राह दिखाई है। उनके सलह पर खुब्बापुर में इस बार ‘भाईचारे का रक्षाबंधन’ मनाया जा सकता है। इसको लेकर सामाजिक स्तर पर भी बहस शुरू हो चुकी है। वहीं पुलिस ने अपनी जांच में वायरल वीडियो को लेकर शिक्षिका को क्लीनचिट दे दी है। पुलिस का दावा है कि वीडियो में छात्र के मजहब को लेकर कोई टिप्पणी करने का सुबूत नहीं मिला है, तो शिक्षा विभाग ने मान्यता नहीं होने और नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूल को बंद कराने की तैयारी कर ली है। 

खुब्बापुर में कक्षा एक के एक छात्र को पांच का पहाड़ा नहीं सुनाये जाने पर स्कूल की दिव्यांग प्रिंसीपल तृप्ता त्यागी के द्वारा उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाकर पिटाई कराये जाने के मामले में वीडियो वायरल होने के बाद अनेक प्रकार के आरोप लगे, जिनमें यह भी कहा गया कि शिक्षिका ने बच्चे के प्रति धार्मिक आधार पर घृणा होने के कारण ऐसा किया। खूब हंगामा मचा। सियासत और मीडिया की हलचल ने 24 घंटे के लिए खुब्बापुर जैसे छोटे से शांत गांव को पीपली लाइव बनाकर रख दिया। आरोपी शिक्षिका तृत्ता त्यागी और पीड़ित छात्र व उसके पिता इरशाद अली तथा उनके परिवारों पर मानसिक दबाव बढ़ा। दोनों ही पक्ष जवाब देते देते मानो थक गए। शिक्षिका ने हजार बार गलती मानी और इरशाद ने भी गांव का माहौल बचाने के लिए माफ करने जैसा बड़ा दिल दिखाया। इस प्रकरण में भाईचारा जीता और गांव में शांति बहाल हो गयी। बच्चों के दिल फिर से मिले, गिले शिकवे दूर हुए तो गांव के लोगों ने भी ट्वीटर से उपजे इस ट्वीस्ट से राहत हासिल की। बच्चों ने गले मिलकर समाज को सामाजिक तानेबाने की मजबूती के लिए भाईचारे का जो संदेश देकर आईना दिखाया है। वो ही भारत की असली ताकत है। 

बच्चों के गले मिलने के बाद इस प्रकरण का पटाक्षेप माना जा रहा है, लेकिन पुलिस और विभागीय स्तर पर जांच का दौर अभी चल रहा है। इसी बीच निजी स्कूल में शिक्षिका द्वारा एक छात्र को दूसरे विद्यार्थियों से थप्पड़ लगवाने के मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर बच्चों के गले मिलने का वीडियो साझा कर कहा कि सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने छात्र की पिटाई के मामले में ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट किया कि बच्चों का गले मिलना एक सकारात्मक संदेश है, क्योंकि प्रेम का पाठ पढ़ाने से ही सच्चा हिंदुस्तान बरकरार रहेगा। अब इससे एक कदम आगे बढ़कर मेल-मिलाप कराने वालों को उस शिक्षिका से बच्चे के पिता को राखी भी बंधवानी चाहिए, क्योंकि समस्या की असली जड़ बच्चों के बीच दुराव की नहीं है, बल्कि उस शिक्षिका के हृदय में दुष्प्रचार से जन्माई गई घृणा की है। आशा है वो बड़े मन से पश्चाताप भी करेंगी और आजीवन प्रायश्चित के साथ ये संकल्प भी लेंगी कि वो अब ताउम्र बच्चों को प्रेम का संदेश देंगी और उन अमानवीय और असामाजिक विचारों व तत्वों को सदैव के लिए अपने से न केवल दूर रखेंगी बल्कि उनके खिलाफ आवाज भी उठाएंगी। एक शिक्षक संस्कृति का निर्माण भी कर सकता है और विनाश भी। सच्चा शिक्षक दूसरों की गलती का ही नहीं अपनी गलती का भी सुधार करता है। हमारी यही कामना है कि वो न स्वयं किसी नकारात्मक प्रचार का हिस्सा बनें और नहीं किसी और को उसका शिकार होने दें। क्षमा से बड़ी शक्ति व प्रेम का प्रतीक और कुछ नहीं हो सकता।




 


अखिलेश यादव की सलाह को लेकर लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार खुब्बापुर को लेकर फिर से तेज गरम हो गया है। ऐसे में जहां रविवार को गांव में शांति और सद्भाव का माहौल नजर आया, वहीं यहां पर उपजे इस विवाद को ‘भाईचारे का रक्षाबंधन’ मनवाकर समाज को भी एक संदेश देने की पहल की जा सकती है। वहीं दूसरी ओर इस मामले में पुलिस की जांच पड़ताल में वायरल वीडियो को लेकर शिक्षिका को धार्मिक टिप्पणी करने के आरोप में क्लीनचिट दी गई है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने वीडियो की जांच कर साफ कर दिया है कि शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने कोई भी धार्मिक टिप्पणी नहीं की है। वहीं छात्र की पिटाई कराने के मामले में पुलिस जांच करा रही है। वीडियो से छेड़छाड़ की संभावना को लेकर फारेंसिक एक्सपर्ट और आईटी एक्सपर्ट का भी सहयोग लिया जा रहा है। दूसरी ओर बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला की ओर से भी स्कूल पर कार्यवाही कराने की बात कही जा रही है। उनका कहना है कि यह स्कूल बिना मान्यता के चलाया जा रहा है, क्योंकि 2019 में तीन साल के लिए मान्यता ली गई थी, जो मार्च 2022 में खत्म हो चुकी है। वहीं जिस बिल्डिंग के लिए मान्यता ली गई थी, स्कूल उस भवन के बजाये घर की छत पर चलता हुआ पाया गया है। नियमों की अनदेखी करने के मामले ेमें कार्यवाही होगी। खुब्बापुर में अब नेहा पब्लिक स्कूल बंद हो सकता है। इसमें कक्षा पांच तक करीब 50 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। तृत्ता त्यागी के साथ दो और टीचर इसमें बच्चों को पढ़ा रहे थे। इस प्रकरण के सहारे यह स्कूल बंद होने से जहां गांव के बच्चों को अब पढ़ाई के लिए दूसरा ठिकाना तलाशना होगा, तो वहीं गांव में ही स्कूल से मिल रहे दो शिक्षकों के रोजगार का साधन भी समाप्त होगा।

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