प्रकृति की पूजा मां भगवती की पूजा के समान हैः पं. संजीव शर्मा
महामृत्युंजय सेवा मिशन के अध्यक्ष पंडित संजीव शंकर ने कहा कि प्रकृति की पूजा मां भगवती की ही पूजा है। शिव पुराण के अनुसार यदि पौधों में ‘नमः शिवाय’ मंत्र कहते हुए जल देते हैं, तो रुद्राभिषेक का फल ही प्राप्त होता है। श्रावण मास में पौधारोपण का महत्व बहुत अधिक है।;
मुजफ्फरनगर। महामृत्युंजय सेवा मिशन के अध्यक्ष पंडित संजीव शंकर ने कहा कि प्रकृति की पूजा मां भगवती की ही पूजा है। शिव पुराण के अनुसार यदि पौधों में 'नमः शिवाय' मंत्र कहते हुए जल देते हैं, तो रुद्राभिषेक का फल ही प्राप्त होता है। श्रावण मास में पौधारोपण का महत्व बहुत अधिक है।
एस.डी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रांगण में कॉलेज के अधिशासी निर्देशक डॉ. एस.एन. चौहान व प्रख्यात कवि डॉ. ए. कीर्ति वर्धन के साथ केथ का पौधा लगाकर पौधारोपण कार्यक्रम संपन्न कराया। डॉक्टर एस.एन. चौहान ने कहा कि कॉलेज परिसर में भगवान शिव को प्रिय लगभग सभी पौधे जैसे रुद्राक्ष, बेल, कनेर, धतूरा इत्यादि पहले से ही उपलब्ध हैं। डॉ. कीर्ति वर्धन ने कहा कि यह वृक्ष ही एकमात्र ऐसा साधन है, जिससे प्राकृतिक रूप से हमें सुरक्षा प्रदान होती है। ऑक्सीजन, छाया के साथ-साथ रेडियोएक्टिव किरणों को सोखने में पौधों का बहुत अधिक महत्व है। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. ए.के. गौतम, डा.आर टी.एस. पुंडीर, डॉ. योगेश शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।