आजम के बाद गई भाजपा के बड़बोले विधायक विक्रम सैनी की विधायकी

कवाल कांड में दो साल की सजा मिलने के बाद भी जनप्रतिनिधि अधिनियम में कार्यवाही न होने पर उठ रहे थे सवाल आजम खां को सजा के बाद सदस्यता रद्द करने पर अखिलेश ने उठाई थी आवाज, जयंत चौधरी ने लिखा था विस अध्यक्ष को पत्र

Update: 2022-11-04 10:10 GMT

मुजफ्फरनगर। लखनऊ के गलियारोें से आ रही खबरों ने आज मुजफ्फरनगर के साथ ही देशभर में एक सनसनी फैला दी। सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर से विधायक मौहम्मद आजम खां को हेट स्पीच के मामले में रामपुर की अदालत द्वारा कानून के तहत अधिकतम तीन साल की सजा सुनाये जाने के 24 घंटे के बाद ही उनकी विधानसभा से सदस्यता खत्म करने के बाद भाजपा के खतौली सीट से दूसरी बार जीते बडबोले विधायक विक्रम सैनी को मिली दो साल की सजा को जिन्न बोतल से बाहर आकर अपना काम कर गया। खबरों के अनुसार विक्रम सैनी की सदस्यता खत्म कर दी गयी है, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इसके लिए अधिकृत कार्यवाही करने की औपचारिकता ही बाकी रह गयी है।

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश से एक बडी खबर आ रही है। पिछले दिनों तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद सपा नेता आजम खान की विधायकी जाने के बाद आज मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के भाजपा विधायक विक्रम सैनी की भी सदस्यता रद्द कर दी गयी। विक्रम सैनी को अदालत से सजा सुनाये जाने के बाद भी किसी ने जनप्रतिनिधित्व कानून को लेकर बात नहीं की थी, लेकिन इसको लेकर सवाल तब उठने शुरू हो गये थी, जबकि सपा नेता पूर्व मंत्री आजम खान को सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता 24 घंटे में ही खत्म करने का आदेश जारी कर दिया था। इस मामले के बाद विक्रम सैनी को मिली सजा का प्रकरण भी तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्ष के नेता आजम खां और विक्रम सैनी के मामले में सरकार की नीति पर अनेक सवाल उठाते रहे हैं। रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने भी इस बाबत विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा और सवाल उठाया कि जिस कानून के तहत आजम खां की सदस्यता गई तो उसी कानून में विक्रम सैनी को क्यों बचाया जा रहा है। उन्होंने आशा जताई थी कि विधानसभा अध्यक्ष इस प्रकरण का संज्ञान लेकर कार्यवाही करेंगे। इसके बाद विधायक विक्रम सैनी ने रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी पर पलटवार करते हुए कहा था कि उन्होंने केवल मुसलमानों को खुश करने के लिए ही चिट्ठी लिखी है, उनको नियमों की जानकारी ही नहीं है। विक्रम सैनी इस बात पर आश्वस्त थे कि उनको दो साल की सजा मिली है और इस कानून में दो साल से ज्यादा की सजा पर ही सदस्यता रद्द हो सकती है, लेकिन अब उनकी विधायकी भी चली गयी है।

लखनऊ से आ रही खबरों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि विधानसभा सचिवालय का भाजपा विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द करने पर कहना है कि किसी भी सदन के सदस्य की सदस्यता तो दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर स्वतः समाप्त हो जाती है। विक्रम सैनी के मामले को परीक्षण के लिए न्याय विभाग को भेजा गया है। न्याय विभाग से स्पष्ट राय मांगी है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश दो साल की सजा पर लागू होगा या दो साल से अधिक की सजा पर ही लागू हो सकता है। विक्रम सैनी को दो साल की सजा हुई है। न्याय विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही सीट रिक्त घोषित करने पर निर्णय किया जाएगा। इसको देखते हुए अभी इस मामले में यह भी माना जा रहा है कि न्याय विभाग की रिपोर्ट तक अंतिम फैसला टिका हुआ हैं। वहीं विक्रम सैनी निचली अदालत से मिली सजा के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे हैं। अब देखना यह होगा कि इस मामले में क्या नया मोड़ आता है। इस प्रकरण में जिलाध्यक्ष भाजपा विजय शुक्ला ने कहा कि उनको अभी विक्रम सैनी की सदस्यता चले जाने की जानकारी नहीं मिली है। इसके लिए पार्टी हाईकमान से भी सम्पर्क किया जा रहा है। अभी कोई भी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है।

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