चेयरपर्सन की सख्ती से निकला समाधान, ईओ ने 19 करोड़ के कार्य किये मंजूर
चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने अधिशासी अधिकारी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए उनको नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब मांगा तो रूके हुए कार्य भी होते नजर आये।
मुजफ्फरनगर। शहर के विकास के लिए 31 मार्च 2021 तक की समयावधि की पाबंदी होने के बावजूद भी विकास कार्यों के टैण्डर स्वीकृत नहीं किये जाने के मामले में नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने अधिशासी अधिकारी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए उनको नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब मांगा तो रूके हुए कार्य भी होते नजर आये। चेयरपर्सन की इसी सख्ती के कारण अटके विकास कार्यों की समस्या का समाधान निकला और अधिशासी अधिकारी ने 19 करोड़ से अधिक लागत से कराये जाने वाले कार्यों की मंजूरी प्रदान कर दी।
बता दें कि शहरी क्षेत्र में 14वें वित्त की धनराशि से होने वाले निर्माण कार्यों के टैण्डरों को मंजूरी नहीं मिलने को लेकर चेयरपर्सन और ईओ के बीच चली आ रही रार अब समाप्ति की और है। चेयरपर्सन अंजू ने इस प्रकरण में ईओ हेमराज सिंह को चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण मांगा तो ईओ ने 14वें वित्त की धनराशि से होने वाले सभी निर्माण कार्यों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। पूर्व में ईओ ने इन निर्माण कार्यों के टेंडरों को रोक दिया था। ईओ की स्वीकृति के बाद अब शहर के 50 वार्डों में करीब 19.50 करोड़ रुपये की लागत के कार्यों से विकास की गंगा बहाये जाने का रास्ता साफ हो गया है।
चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने शहरी क्षेत्र के 50 वार्डों में होने वाले निर्माण कार्यों को दो भागों में रखा है। पहले भाग में 1 से 25 वार्ड तक 63 निर्माण कार्य और 26 से 50 वार्ड में 62 निर्माण कार्य शामिल किये गये हैं। यह सभी कार्य 14वें वित्त की धनराशि से होने है और 31 मार्च तक ही इस धनराशि का उपभोग किया जा सकता है। शहरी क्षेत्र में होने वाले यह सभी निर्माण कार्य ई टेंडरिंग से होने हैं। इसके लिए 63 ई निविदाए अपलोड की गई थी। जिसमें से 23 ई निविदाए सिंगल प्राप्त होने के कारण इनको स्वीकार नहीं किया गया, जबकि 40 निविदाए दो या दो से अधिक प्राप्त हुई हैं।
आरोप है कि ईओ ने 14वें वित्त की धनराशि से होने वाले सभी निर्माण कार्यों के टैंडर को रोक दिया। चेयरपर्सन ने इस पर नाराजगी जताते हुए ईओ को चेतावनी पत्र जारी करते हुए दो दिन मेें स्पष्टीकरण मांगा। वहीं इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री स्तर पर भी दी गई। चेयरपर्सन की चेतावनी के बाद ईओ ने टेंडरों की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके साथ ही विकास कार्यों के लिए सिंगल प्राप्त होने वाली निविदाओं में से 23 ई निविदाओं को दोबारा से अपलोड कर दिया है।कायाकल्प योजना से होने वाले प्राइमरी स्कूलों के सौन्दर्यकरण की पत्रावली पर भी ईओ ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने बताया कि ईओ स्तर पर निर्माण कार्यों के टेंडर रूके हुए थे, लेकिन अब उन्होंने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब शहरी क्षेत्र में चौतरफ़ा विकास कार्य नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि ईओ से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, लेकिन पिछले तीन माह के कार्यकाल में वह अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करने में गंभीर नजर नहीं आये। 31 मार्च सिर पर आ रहा है और यदि ऐसे में कार्यों की स्वीकृति नहीं होगी तो हम शासन से मिला पैसा खर्च नहीं कर पायेंगे। इससे शहरी विकास में बाधा आयेगी। अब उनके द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है तो तेजी से हम इन कार्यों को कराने की योजना पूरी कर पायेंगे।